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  • दिल्ली में कैसी शिक्षा क्रांति हुई है?

    अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के साथ साथ पूरा आम आदमी पार्टी दिल्ली में शिक्षा क्रांति का प्रचार करता रहा। आम आदमी पार्टी दिल्ली में भ्रष्टाचार मिटाने के नाम पर सत्ता में आई थी। उसे लोकपाल बनाना था। लेकिन लगभग संपूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के बाद वह लोकपाल, भ्रष्टाचार आदि मामले भूल गई और शिक्षा क्रांति करने लगी। दावा किया गया कि दिल्ली में शिक्षा की व्यवस्था ऐसी हो गई है कि लोग अपने बच्चों का दाखिला निजी स्कूलों की बजाय सरकारी स्कूलों में करा रहे हैं। निजी स्कूलों के मुकाबले सरकारी स्कूलों का प्रदर्शन सुधरने के बड़े बड़े...

  • परीक्षाओं में अंकों की होड़ क्यों?

    आवश्यक है कि विद्यालयों में गुणवत्ता सुधार के साथ-साथ परीक्षाओं में सफलता का मूल्यांकन केवल अंकों के आधार पर न किया जाए, बल्कि छात्रों की संपूर्ण योग्यता और कौशल को ध्यान में रखा जाए। जब शिक्षा का असली उद्देश्य ज्ञानार्जन बनेगा, तभी समाज का वास्तविक विकास संभव होगा। देश में वार्षिक परीक्षाएँ छात्रों के भविष्य को निर्धारित करने का प्रमुख माध्यम हैं। लेकिन हाल के वर्षों में, शिक्षा का मूल उद्देश्य ज्ञान अर्जन से हटकर केवल उच्च अंक प्राप्त करने तक ही सीमित होता जा रहा है। खासकर देहाती क्षेत्रों के विद्यार्थी अब नियमित कक्षाओं में पढ़ने की बजाय कोचिंग...

  • फेल बच्चे अब प्रमोट नहीं होंगे

    नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शिक्षा नीति में बड़ा बदलाव किया है। सरकार ने नो डिटेंशन पॉलिसी खत्म कर दी है। इसका मतलब है कि अब बच्चे फेल होंगे तो उन्हें प्रमोट नहीं किया जाएगा। फेल होने वाले बच्चों की फिर से परीक्षा होगी और दोबारा फेल होने पर उनको उसी क्लास में रहना होगा। इससे पहले सर्व शिक्षा नीति के तहत बच्चों को फेल होने के बाद भी प्रमोट करने का नियम बनाया गया था। कहा गया था कि फेल होने से बच्चों का मनोबल गिरता है और उनके आत्मविश्वास को चोट पहुंचती है, जिससे वे स्कूल छोड़ देते...