एक्जिट पोल वालों की होशियारी
समय के साथ हर व्यक्ति और संस्थान भी सीखते हैं। सो, एक्जिट पोल करने वाली एजेंसियों और उन्हें दिखाने वाले मीडिया समूहों ने भी बहुत कुछ सीख लिया है। तभी इस बार एक्जिट पोल इस अंदाज में दिखाए गए हैं कि नतीजे कुछ भी आएं उनका श्रेय लिया जा सके। ज्यादातर एजेंसियों ने कंफ्यूजन पैदा किया है। दो चीजें बहुत साफ देखने को मिली हैं। पहली यह कि इस बार न्यूनतम और अधिकतम का दायरा सबने बड़ा दिया है। पहले चार से 10 का दायरा होता था, जिसे इस बार 12 से 22 तक कर दिया गया है। इसके ऊपर...