क्यों जेनरेशन जेड़ में राहुल फ्लॉप?
कांग्रेस को अब आत्ममंथन की ज़रूरत नहीं है बल्कि कायाकल्प याकि राजनीतिक पुनर्जन्म, या फिर एक शांत, गरिमापूर्ण राजनैतिक मौत की जरूरत है। लोकसभा चुनावों को डेढ़ वर्ष बीते हैं। और इस दौरान कांग्रेस हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली तथा अब बिहार में हारी है। ‘हार’ कहना भी नरम शब्दों में बात रखना है। ग्यारह वर्षो से यह पार्टी सिर्फ़ हार ही नहीं रही है; वह धीरे-धीरे सड़ और गल भी रही है। फिर भी, गांधी परिवार ने बुजुर्ग मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे खंडहरों का रखवाला बनाकर हकीकत को नकारा हुआ है। मानों जैसे कांग्रेस के कैलेंडर में अभी भी वर्ष 2004 दर्ज...