global warming

  • वॉर्मिंग में इतनी ठंड!

    जब कभी असामान्य ठंड पड़ती है, तो लोग इस सवाल पर बात करने लगते हैं कि आखिर जब चर्चा ग्लोबल वॉर्मिंग यानी धरती का तापमान बढ़ने की है, तो उस समय इतनी ठंड क्यों पड़ रही है। जबकि इसमें हैरत की कोई बात नहीं है। उत्तर-मध्य भारत में इस बार ठंड देर से पड़ी, लेकिन खूब जोरदार पड़ी है। ये दोनों स्थितियां असामान्य हैं। उसी समय जम्मू-कश्मीर में लोग बर्फबारी के तरस कर रह गए हैं। यह भी एक असामान्य स्थिति है। ऐसे असामान्य हालात का अक्सर दुनिया को सामना करना पड़ रहा है। बहरहाल, जब कभी किसी क्षेत्र में...

  • जुलाई इतिहास का सबसे गर्म

    नई दिल्ली। इस साल जुलाई का महीना मानवता के इतिहास का सबसे गर्म महीना साबित हुआ है। जुलाई महीने की गर्मी ने 10 या 20 साल का रिकॉर्ड नहीं तोड़ा है, बल्कि लाखों साल का रिकॉर्ड तोड़ा है। जलवायु परिवर्तन का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि जुलाई 2023 मानव इतिहास का सबसे गर्म महीना है। यह भी बताया गया है कि लगातार तापमान बढ़ने से तीन महादेशों- उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया हीटवेव की चपेट में हैं। कई क्षेत्रों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस से ऊपर गया है तो पूरी धरती का औसत तापमान भी इसी...

  • ये मौसम सामान्य नहीं

    रिकॉर्ड रखना शुरू होने के बाद से अब तक का सबसे गर्म महीना यही जुलाई होगा। साफ है, जलवायु परिवर्तन के भयानक परिणाम दिखने शुरू हो गए हैं। दुनियाभर में भीषण गर्मी, बाढ़, बेमौसम बरसात जैसी घटनाएं आम हो चुकी हैं। उत्तर भारत के लोगों को मौसम में बदलते और असामान्य मिजाज का अहसास इस समय जरूर हो रहा होगा। जुलाई के पहले हफ्ते में भीषण बारिश हुई, उससे हुए नुकसान का अभी अंदाजा ही लगाया जा रहा है। जबकि इस बीच अब असामान्य गर्मी और उमस ने उनकी जिंदगी मुहाल कर दी है। लेकिन ऐसा सिर्फ उन्हें झेलना पड़...

  • ऐसा वक्त पृथ्वी के जीवन में पहले नहीं?

    हम सभी एक नाव पर सवार हैं। यूरोप, अमरीका, भारत और चीन - सभी एक साथ बेइंतहा पसीना बहा रहे हैं। विडंबना है कि धरती के इतना ज्यादा गर्म होने के लिए बहुत हद तक हम खुद ही जिम्मेदार भी हैं।दुनिया को इस साल वसंत का अहसास ही नहीं हुआ!  अप्रैल में हमें लू के थपेड़े झेलने पड़े। अल्जीरिया, मोरक्को, पुर्तगाल और स्पेन में तापमान सामान्य से कहीं ज्यादा है। इस बीच, समय से पहले आई बरसात ने भारत में आम के मौसम में खलल डाली। जहां दूसरी जगहों जुलाई गर्म है वही हमारे यहाँ गर्मी और उमस दोनों हैं...

  • हर जगह मौसम की मार

    संदेश यह है कि जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर मानव समाज को एक नजरिए से सोचना चाहिए। लेकिन यह संदेश सुनने के लिए ज्यादातर देश और समाज तैयार नहीं हैं। नतीजा है कि सभी अलग-अलग चरम रूप लेते मौसम की मार झेल रहे हैं। जलवायु परिवर्तन का असर एक बार फिर यही जाहिर कर रहा है कि कुदरत किन्हीं सरहदों का ख्याल नहीं करती। भारत, चीन और पाकिस्तान वैसे तो अलग-अलग देश हैं और भारत का बाकी दोनों देशों से रिश्ता भी अच्छा नहीं है, लेकिन अगर प्राकृतिक आपदा की बात करें, तो तीनों देश इस समय समान रूप से असामान्य...

  • जान लेवा गर्मी और उल्टी गिनती वाली घड़ी!

    संदेश यह है कि जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर मानव समाज को एक नजरिए से सोचना चाहिए। लेकिन यह संदेश सुनने के लिए ज्यादातर देश और समाज तैयार नहीं हैं। नतीजा है कि सभी अलग-अलग चरम रूप लेते मौसम की मार झेल रहे हैं। जलवायु परिवर्तन का असर एक बार फिर यही जाहिर कर रहा है कि कुदरत किन्हीं सरहदों का ख्याल नहीं करती। भारत, चीन और पाकिस्तान वैसे तो अलग-अलग देश हैं और भारत का बाकी दोनों देशों से रिश्ता भी अच्छा नहीं है, लेकिन अगर प्राकृतिक आपदा की बात करें, तो तीनों देश इस समय समान रूप से असामान्य...

  • तैयार रहे, तापमान तो बढ़ेगा!

    संदेश यह है कि जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर मानव समाज को एक नजरिए से सोचना चाहिए। लेकिन यह संदेश सुनने के लिए ज्यादातर देश और समाज तैयार नहीं हैं। नतीजा है कि सभी अलग-अलग चरम रूप लेते मौसम की मार झेल रहे हैं। जलवायु परिवर्तन का असर एक बार फिर यही जाहिर कर रहा है कि कुदरत किन्हीं सरहदों का ख्याल नहीं करती। भारत, चीन और पाकिस्तान वैसे तो अलग-अलग देश हैं और भारत का बाकी दोनों देशों से रिश्ता भी अच्छा नहीं है, लेकिन अगर प्राकृतिक आपदा की बात करें, तो तीनों देश इस समय समान रूप से असामान्य...

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