ध्वस्त हुई हिंदू आतंकवाद’ की इमारत
‘सेकुलरवाद’ के नाम पर देश में हिंदुओं को कलंकित करने के लिए वर्षों से झूठा नैरेटिव गढ़ा जा रहा है, जो केवल उन्हें आतंकवाद से जोड़ने और इस्लामी कट्टरवाद को दबाने-भटकाने तक सीमित नहीं है। इतिहास भी इस झूठे नैरेटिव से अछूता नहीं रहा। फातिमा शेख को ‘भारत की पहली मुस्लिम शिक्षिका’ कहा गया, जबकि इसका कोई प्रमाण मौजूद नहीं है। वास्तव में, यह 'दलित-मुस्लिम एकता' के अस्वाभाविक गठजोड़ को बल देने के लिए गढ़ा गया झूठा नैरेटिव था। भारत के अधिकांश राजनीतिक दल (कांग्रेस और वामपंथी सहित) स्वयं को ‘सेकुलरवादी’ कहते हैं। लेकिन वास्तविक व्यवहार में उनके लिए सेकुलरवाद...