10 दिसम्बर को विश्व मानवाधिकार दिवस
उनकी सलाह है कि आराम करना और पढ़ना चाहिए। आंख तो हमेशा घूमती रहती है, और अगर वह चल नहीं रही है तो आप मृत हैं। वह जगह जो जहां तुम समाप्त होते हो और मैं आरंभ होता हूं सबसे दिलचस्प जगह होती है। प्रेम एकमात्र गंभीर विषय है। मानव की नैसर्गिक आवश्यकता मानवाधिकार आदि सृष्टि काल में मानव सभ्यता के अस्तित्व में आने के साथ ही मनुष्य अपने अधिकारों के प्रति सचेत रहता आ रहा है। मानव के इन सनातन अधिकारों को ही वर्तमान में मानवाधिकार की संज्ञा दी गई है। मानव के ये अधिकार नैसर्गिक हैं। मानव होने...