inequality

  • भारत में बौद्धिक पिछड़ेपन की नायाब मिसाल!

    भारत का बौद्धिक वर्ग खोखला हो चुका है? माना जाता है कि जरूरी सवालों को चर्चा के केंद्र में लाना बौद्धिक वर्ग की जिम्मेदारी होती है। जब असमानता जैसे सवाल चर्चित होते हैं, तो राजनीतिक दल उन पर अपना रुख तय करने के लिए मजबूर हो जाते हैं। क्या यह दुर्भाग्यपूर्ण नहीं है कि भारत में अगर कभी विषमता का सवाल सुर्खियों में आता भी है, तो ऐसा फ्रांस स्थित इनइक्लिटी लैब या ऑक्सफेम जैसी संस्थाओं की रिपोर्टों से होता है। एक-दो दिन तक चर्चा में रहने के बाद ये मुद्दा फिर प़ृष्ठभूमि में चला जाता है। गुजरे 28 और...