Interim Budget 2024

  • अंतरिम बजट में तो बहुत कुछ!

    पिछले कुछ वर्षों में प्रतिकूल स्थितियों, जिसमें रुस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिका-यूरोप में मंदी की आहट इत्यादि शामिल है— उस बीच इस उपलब्धि का श्रेय मोदी सरकार की जिन नीतियों को जाता है, उसमें 2017 से देश में लागू ‘वस्तु एवं सेवा कर’ (जीएसटी) प्रमुख उपक्रमों में से एक है। अपनी उत्पत्ति के समय जीएसटी पंजीकरण की संख्या 65 लाख थी, वह छह वर्ष में बढ़कर लगभग डेढ़ करोड़ हो गई है। एक फरवरी को मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट प्रस्तुत किया। चूंकि यह अंतरिम बजट था और इसे आम चुनाव से छह सप्ताह पहले संसद में...

  • न राहत, न टेक्स: यथास्थितिवादी बजट…!

    भोपाल। भारत सरकार ने अगले डेढ़ सौ दिनों के लिए अंतरिम बजट प्रस्तुत कर दिया है, जिसमें न किसी नए टेक्स का प्रावधान है और न किसी तरह की राहत का एलान। सरकार ने जहां जुलाई माह में देश की आर्थिक मजबूती के लक्ष्य की घोषणा का जिक्र किया, वहीं इस चुनावी बजट में ऐसा भी कोई कदम नहीं उठाया जिससे मतदाता को मौजूदा आर्थिक चिंता से मुक्ति मिल सके। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लगभग 14 लाख करोड़ के घाटे का बजट प्रस्तुत किया, जिसमें 44.90 लाख करोड़ के खर्च और 30 लाख करोड़ की आय का जिक्र है, साथ...

  • वापसी के भरोसे वाला बजट भाषण

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए संसद भवन में जो पहला बजट भाषण पढ़ा है वह नीतिगत  दस्तावेज कम और खर्च का लेखा-जोखा ज्यादा है। वैसे अंतरिम बजट ऐसा ही होना चाहिए। पांच बजट पेश करने के बाद जाती हुई सरकार को नीतिगत घोषणाएं करने की बजाय सिर्फ हिसाब किताब रखना चाहिए और चुनाव के बाद तक के लिए जरूरी खर्च की अनुमति लेनी चाहिए। इस लिहाज से देखें तो निर्मला सीतारमण के भाषण को अंतरिम बजट का टेक्स्ट बुक भाषण कह सकते हैं। उन्होंने खर्च का लेखा-जोखा पेश किया लेकिन चुनाव को ध्यान में रखते हुए ज्यादा जोर यह...

  • आर्थिक से ज्यादा राजनीतिक

    जो रिपोर्ट पेश की गई है, उस पर गौर करते हुए हर बिंदु पर अहसास होता है कि यह आर्थिक से ज्यादा एक राजनीतिक दस्तावेज है, जिसे चुनावी मकसद से मीडिया में बड़ी सुर्खियां बनाने के लिए लिहाज से तैयार किया गया है। परंपरा यह है कि बजट पेश होने से पहले भारत सरकार संसद में गुजर रहे वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती है। आम समझ है कि बजट ऐसा आर्थिक दस्तावेज होता है, जिसे सरकार की राजनीतिक प्राथमिकताओं के मुताबिक तैयार किया जाता है। जबकि आर्थिक सर्वेक्षण ठोस आंकड़ों पर आधारित दस्तावेज है, जिससे देश की असल आर्थिक...