प्रकृति का अनुपम उपहार है जीवन
यह संसार विविध जीव-जंतुओं, पेड़-पौधों से भरा है। सभी किसी न किसी रूप से एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। सभी जीवों एवं पारिस्थितिकी तंत्रों की विभिन्नता एवं असमानता को जैव वैविध्य अर्थात विविधता कहा जाता है। धरातलीय, महासागरीय एवं अन्य जलीय पारिस्थितिकीय तंत्रों में उपस्थित अथवा उससे संबंधित तंत्रों में पाए जाने वाले जीवों के बीच विभिन्नता ही जैव विविधता है। पृथ्वी के विभिन्न आवासों में तरह-तरह के पादप व जंतु जातियों की उपस्थिति को जैव विविधता कहते हैं। विश्व के समृद्धतम जैव विविधता वाले देशों में भारत सहित सत्रह देश शामिल हैं, जिनमें विश्व की लगभग 70 प्रतिशत...