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  • खूफिया जांच एजेंसियों पर सरकार का कब्जा क्यों…?

    भोपाल। हाल ही में सामने आई एक अंतर्राष्ट्रीय जांच एजेंसी की रिपोर्ट में यह चौकाने वाला खुलासा सामने आया है कि भ्रष्टाचार के मामले में हमारा भारत देश विश्व में पांचवें नम्बर पर आ गया है, अर्थात् ‘‘पृथ्वी का स्वर्ग’’ कहलाने की हमारी तमन्ना अब इस रूप में हमारे सामने आई है और इसी रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि भारत में सरकारी स्तर पर भ्रष्टाचार आम भ्रष्टाचार के मुकाबले सर्वाधिक है। इस रिपोर्ट ने विश्वस्तर पर भारत की छवि तो खराब की ही, साथ ही इस पर एक आम भारतवासी को चिंतन हेतु मजबूर भी कर...

  • जब जांच ही सज़ा बन जाये- तब अदालतों का फर्ज क्या हो…?

    भोपाल। यह सवाल मोदी सरकार के निज़ाम में काफी महत्वपूर्ण है, क्यूंकि जांच के नाम पर सभी केन्द्रीय जांच एजेंसियां गैर बीजेपी दलों के नेताओं की जांच के नाम पर उन्हें हिरासत में लेकर अपराधियों का लेवल चिपकाने का काम करती हैं। हालांकि सरकार के आलोचकों को भले ही जेल में दाल दिया हो परंतु उनके खिलाफ, कानूनी की दस्तावेजी, कारवाई में जांच एजेन्सियां अदालत में सिर्फ और समय मांगती नजर आती हैं। जितनी जल्दबाज़ी ये एजेंसियां गिरफ्तारी करने में करती हैं, वह रफ्तार अदालत में जैसे ठिठक जाती हैं। आखिर सर्वोच्च न्यायालय कब इन जांच एजेंसियों से यह सवाल...