karnatak asseimbly election

  • भाजपा का भक्त वोट आधार बना रहा

    कर्नाटक विधानसभा चुनाव का एक बड़ा संदेश यह है कि भाजपा अपने भक्त वोट नहीं गंवाती। चुनाव हार जाती है तब भी उसका वोट बना रहता है। यह भी संदेश है कि कर्नाटक में मतदाताओं का एक बड़ा समूह ऐसा है, जो किसी नेता के प्रति नहीं, बल्कि पार्टी के प्रति निष्ठावान है। वह भाजपा को वोट करता है। इसकी सबसे बड़ी मिसाल पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार हैं। चुनाव से ऐन पहले भाजपा ने उनकी टिकट काटी और वे पाला बदल कर कांग्रेस में चले गए। कांग्रेस ने उनको उनकी पारंपरिक हुबली धारवाड़ सीट से टिकट दिया। लेकिन वे चुनाव...

  • अदानी चिपका तो ब्राह्मणों पर ठीकरा!

    यह बेतुकी बात लगेगी। लेकिन कर्नाटक चुनाव पर जरा गौर करें। कर्नाटक में भाजपा की दुर्दशा क्यों? इसके जवाब में मीडिया और मोदी-शाह के नैरेटिव में जातीय गणित है। कांग्रेस और राहुल गांधी ने भी जातीय जनगणना की बात करके मंडल कार्ड का महत्व बनवाया। मतलब सामाजिक समीकरण बिगड़े इसलिए भाजपा की दुर्दशा। ऐसा नहीं है। मैं मानना हू कि कर्नाटक यदि दक्षिण भारत में हिंदू राजनीति की पहली प्रयोगशाला बना तो वजह प्रदेश के लोगों का सहज-सर्वजनीय मिजाज है। कर्नाटक जातिवादी नहीं था और न है। मैं इंदिरा गांधी-जनता पार्टी के वक्त से कर्नाटक को ऑब्जर्व करते हुए हूं।...

  • मतदान शांतिपूर्ण, लेकिन कम वोटिंग

    नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनावों में बुधवार को हुए मतदान में देर शाम तक 67 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं नेवोट डाले। यह आंकड़ा 2018 के विधानसभा चुनाव के 72.50 प्रतिशत से काफी कम है।  पूरे प्रदेश में शांतिपूर्ण मतदान हुआ। चुनाव आयोग ने शाम को जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि राज्य में 224 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के 58 हजार 545 मतदान केन्द्रों पर मतदान शांतिपूर्ण रहा और कहीं से पुनर्मतदान कराने की रिपोर्ट नहीं है। आयोग ने बताया कि राज्य में करीब 94 हजार वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों ने पहली बार घर से मतदान की सुविधा का इस्तेमाल कर...

  • सबसे बुजुर्ग नेताओं ने सबसे ज्यादा प्रचार किया

    इसे कर्नाटक की मिट्टी की खासियत कह सकते हैं या वहां की राजनीति की सुंदरता कह सकते हैं कि जब देश की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को राजनीति से संन्यास दिला रही है तो प्रदेश में 80 साल से ऊपर के नेताओं ने सबसे ज्यादा प्रचार करने का रिकॉर्ड बनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी खूब रैलियां कीं, लेकिन सबसे ज्यादा उम्र के बुजुर्ग नेताओं ने सबसे ज्यादा रैली की। कांग्रेस की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे, भाजपा की ओर से बीएस येदियुरप्पा और जेडीएस की ओर से...

  • कर्नाटक में वोट से पहले भाजपा क्या-क्या नहीं कर रही!

    कर्नाटक में आज (बुधवार, 10 मई को) मतदान हो रहा है। भाजपा घबराई हुई है।भाजपा एक-एक चुनाव का मतलब समझती है। आखिरी आखिरी तक लड़ती है। कर्नाटकमें जब नहींकुछ हो  पा रहा है तो मतदान से एक दिन पहले राजस्थान से कांग्रेसएक नहीं है का नया विवाद पैदा किया।सचिन पायलट कर्नाटक के रिजल्ट तक रूक सकते थे। मगर मतदान से एक दिन पहलेउनके बगावत का एलान करवाकर दस मई वोटिंग डे की सुबह की हेडलाइन और उससेएक दिन पहले 9 मई की शाम की कांग्रेस विरोधी डिबेटों का इंतजाम कर दिया। कांग्रेस की समझ में आ गया होगा कि कुछ...

  • मोदी मैजिक की कर्नाटक में हो रही परीक्षा

    जिस तरह से कर्नाटक का चुनाव कांग्रेस आलाकमान के लिए परीक्षा है वैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी यह परीक्षा की तरह है। उनके जादू की परीक्षा हो रही है। यदि  बीएस येदियुरप्पा के बगैर भाजपा कर्नाटक में जीती तो भाजपा के सभी पुराने प्रादेशिक क्षत्रपों का बोरिया बिस्तर बंधेगा। और अगर मोदी की इतनी मेहनत के बावजूद भाजपा नहीं जीती तो उसके दो नुकसान हैं। पहला तो यह कि दक्षिण भारत में भाजपा का प्रवेश द्वार बंद हो जाएगा। दूसरा यह कि भाजपा के प्रादेशिक क्षत्रपों को ताकत मिलेगी। भाजपा आलाकमान की उन पर निर्भरता बढ़ेगी। उन्हें...

  • खड़गे के बयान से भाजपा को मौका मिला

    कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए बयान से भाजपा को मौका मिल गया। कांग्रेस के खिलाफ हमला करने के लिए भाजपा मुद्दों की तलाश कर रही थी। मुस्लिम आरक्षण से लेकर पीएफआई पर पाबंदी का मुद्दा भाजपा के पास था, जिसका इस्तेमाल किया जा रहा था। लेकिन खड़गे के बयान से नरेंद्र मोदी को कर्नाटक की राजनीति के केंद्र में लाने का मौका भाजपा को मिल गया। इसी बहाने भाजपा के नेता वो तमाम पुराने बयान निकाल रहे हैं, जो कांग्रेस नेताओं ने मोदी के ऊपर दिए थे। उन सबका जिक्र करके बताया जा रहा है...

  • खड़गे का बयान, मोदी ने बनाया मुद्दा

    बेंगलुरू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को कर्नाटक के चुनावी मैदान में उतरे। उन्होंने दिन में तीन चुनावी रैलियां कीं और शाम में बेंगलुरू में एक बड़ा रोड शो किया। रोड शो के दौरान प्रधानमंत्री मोदी चुनाव प्रचार के लिए खासतौर से बनाए गए ट्रक पर सवार थे। इससे पहले वे बीदर पहुंचे थे। उन्होंने तीन चुनावी सभाएं की हैं। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान को मुद्दा बनाया। खड़गे ने उनको ‘जहरीला सांप’ कहा था, जिसे लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने उनको 91 बार गाली दी है। हालांकि बाद में खड़गे ने अपने...

  • बदलती राजनीति, प्रमाण कर्नाटक!

    हां, पहले जरा दिसंबर 2022 के गुजरात-हिमाचल चुनाव के माहौल को याद करें। फिर उसके बाद से कर्नाटक चुनाव के मौजूदा माहौल पर गौर करें तो क्या लगेगा नहीं कि राजनीति भारी बदल गई है। क्या लगता नहीं कि भारत सन् 2023 में भीषण सियासी गर्मी में झुलसेगा। हार-जीत के सिनेरियो को एक-तरफ करें और कर्नाटक पर सोचें! नरेंद्र मोदी, अमित शाह, योगी आदित्यनाथ या भाजपा का कैंपेन कैसा है? पूरी तरह रक्षात्मक है। नरेंद्र मोदी अपने जादू पर भरोसा करने की बजाय बूथ कार्यकर्ताओं से अपील कर रहे हैं। हिमाचल में भाजपा के टिकट कटे नेताओं ने निर्दलीय चुनाव...

  • भाजपा के पास मोदी और राहुल!

    कर्नाटक के चुनाव शोर में भाजपा जस की तस सौ टका नरेंद्र मोदी के करिश्मे पर आश्रित है। बतौर प्रमाण पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा का यह वाक्य सटीक है- कर्नाटक को मोदी जी के आशीर्वाद से वंचित नहीं होना चाहिए। तभी गुरूवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया तो बसवराज बोम्मई ने भी कहा कि हमारा जीतना तय। उनके अनुसार पीएम मोदी का एक-एक शब्द बीजेपी कार्यकर्ताओं को प्रेरित करता है।मुझे यकीन है कि हमारे पार्टी कार्यकर्ता कर्नाटक में भाजपा को सत्ता में वापस लाने के लिए अपने प्रयासों को दोगुना करेंगे। निश्चित ही हिमाचल और...

  • चुनाव मैदान से बाहर भी तय होगा एजेंडा

    कर्नाटक विधानसभा का चुनाव सिर्फ राज्य की भौगोलिक सीमा के दायरे में नहीं लड़ा जा रहा है। उससे बाहर भी एजेंडा तय करने की कोशिश हो रही है। मुसलमानों को आरक्षण का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में है, जिस पर कर्नाटक में सबसे ज्यादा राजनीति हो रही है। अमित शाह से लेकर राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ से लेकर शिवराज सिंह चौहान तक सबने मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा उठाया और इस बात का श्रेय लिया है कि कर्नाटक की सरकार ने इसे खत्म किया है। हालांकि यह अभी खत्म नहीं हुआ है। इसे खत्म करने के कर्नाटक सरकार के फैसले पर...

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