Language row

  • हिंदी पर कदम पीछे?

    इन हाल के वर्षों में ऐसा क्या बदल गया है? राजनीतिक नेतृत्व- खासकर केंद्र में सत्ताधारी दल को इस पर आत्म-निरीक्षण करना चाहिए? संकेत साफ है। हिंदी को राजनीति का औजार बनाने से इस भाषा का नुकसान ही हो रहा है। महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी की पढ़ाई अनिवार्य बनाने के बाद इसकी अनिवार्यता ना होने संबंधी अब दिए गए मुख्यमंत्री के बयान का सीधा मतलब इस मुद्दे पर कदम वापसी है। नई शिक्षा नीति के प्रावधान के मुताबिक इस बारे में राज्य सरकार के फैसले पर राज्य में व्यापक विरोध भड़का। लगभग सभी राजनीतिक दलों के अंदर से इसके...

  • एक और जज्बाती मुद्दा

    स्टालिन की पहल के साथ लेफ्ट शासित केरल, कांग्रेस शासित कर्नाटक एवं तेलंगाना, आम आदमी पार्टी शासित पंजाब, और उड़ीसा की विपक्षी पार्टी बीजू जनता दल भी जुड़ गए हैं। पश्चिम बंगाल की टीएमसी भी कई मुद्दों पर उनके साथ है। (language row) भाषा, परिसीमन, और नई शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत राज्यों की स्वायत्तता के कथित हनन की शिकायत को जोड़ कर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन केंद्र के खिलाफ विपक्षी लामबंदी करने में सफल होते दिख रहे हैं। मकसद बेशक अगले चुनावों के मद्देनजर सियासी गोलबंदी है, फिर भी भाषा जैसे जज्बाती प्रश्नों में छिपी शक्ति को नजरअंदाज...