Macaulay

  • मैकॉले की झूठी बदनामी

    भारत में मैकॉले शब्द मानो गाली की तरह चलता है। यह दोहरी लज्जा की बात है। एक तो, स्वतंत्र होने के 76 वर्ष बाद, अपने कर्मों के लिए, दो सदी पहले के विदेशी को कोसना। जिस चीज को हमारे शासक बदलना, या नया चलाना चाहते हैं, उसे एक झटके में करते रहते हैं। इसलिए दशकों से यहाँ जो भी चल रहा है, उस का संपूर्ण उत्तरदायित्व भारतीयों का है। दूसरी लज्जास्पद बात मैकॉले के बारे में भी झूठी बातें कह कर अपने को होशियार समझना है। लॉर्ड बाबिंगटन मैकॉले (1800-1859) एक ब्रिटिश राजनीतिज्ञ, कवि और इतिहासकार थे। उन्होंने कानून की...