गोखले, तिलक, सावरकर,चव्हाण,ठाकरे के महाराष्ट्र में यह क्या!
सत्ता के लोभी, लालची लोगों से राजकीय भाषा बदल गई है। नेताओं के परस्पर व्यवहार व राजकीय संवाद में घोर पतन है। सत्ता के खेल में, लोक संवाद में गैंगेस्टरों की गुंडा भाषा बोली जाने लगी है। राजनीति को गैंग में बदल जो गैंगस्टर भाषा बनी है उसके इन चंद शब्दों पर गौर करें- "हमने बदला लिया है", "इसको सुपारी दी है,”.."हमने कार्यक्रम(खेल ख़तम) किया है," "गद्दार' "खोके ", पीठ में खंजीर खोपना," "ईडी लगाएंगे--जेल में भेजेंगे... आदि, आदि। ये जुमले, ऐसी भाषा भाजपा औरउसकी जूनियर पार्टनर एकनाथ शिंदे की शिवसेना के नेताओं की है। वह भाजपा इस नई राजकीय...