• किसी के लिए आसान नहीं महाराष्ट्र

    अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस और एकनाथ शिंदे की शिव सेना को अपने पोस्टर्स से शरद पवार और बाला साहेब ठाकरे की फोटो हटाने की हिम्मत नहीं है। इससे दो अर्थ निकलते हैं- अपने नाम, अपने फोटो से वोट मिलने का विश्वास उन्हें नहीं है और नरेंद्र मोदी के नाम से चुनाव जीतने की गारंटी भी नहीं है।दूसरी बात सामने आ रही है कि भाजपा के कार्यकर्ता और अनेक नेताओं को भाजपा का राष्ट्रवादी कांग्रेस के साथ जाना पसंद नहीं है। वे इसके लिए उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को जिम्मेदार ठहराते हैं। लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में प्रमुख राजनीतिक...

  • गोखले, तिलक, सावरकर,चव्हाण,ठाकरे के महाराष्ट्र में यह क्या!

    सत्ता के लोभी, लालची लोगों से राजकीय भाषा बदल गई है। नेताओं के परस्पर व्यवहार व राजकीय संवाद में घोर पतन है। सत्ता के खेल में, लोक संवाद में गैंगेस्टरों की गुंडा भाषा बोली जाने लगी है। राजनीति को गैंग में बदल जो गैंगस्टर भाषा बनी है उसके इन चंद शब्दों पर गौर करें- "हमने बदला लिया है", "इसको सुपारी दी है,”.."हमने कार्यक्रम(खेल ख़तम) किया है," "गद्दार' "खोके ", पीठ में खंजीर खोपना," "ईडी लगाएंगे--जेल में भेजेंगे... आदि, आदि। ये जुमले, ऐसी भाषा भाजपा औरउसकी जूनियर पार्टनर एकनाथ शिंदे की शिवसेना के नेताओं की है। वह भाजपा इस नई राजकीय...