बांग्लादेश में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो यह एक देशव्यापी संकट बन सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की ओर से डेंगू फैलाने वाले मच्छरों को रोकने के लिए जो कोशिशें की जा रही हैं, वे अपर्याप्त हैं।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्दी और सही तरीके से कदम नहीं उठाए गए, तो यह डेंगू की समस्या पूरे देश के 64 जिलों में फैल सकती है।
बांग्लादेश के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) के अनुसार, रविवार सुबह तक (24 घंटों में) डेंगू से एक और व्यक्ति की मौत हो गई। इसके साथ ही इस साल में डेंगू से मरने वालों की कुल संख्या अब 56 हो गई है। साथ ही, 420 और लोग वायरल बुखार के कारण अस्पताल में भर्ती हुए हैं, जिससे डेंगू के कुल मरीजों की संख्या 14,880 हो गई है।
देश में जो नए डेंगू के मामले सामने आए हैं, उनमें बरिशाल डिविजन में 116 मरीज, चटगांव डिविजन (शहर के बाहर) में 79 मरीज, ढाका डिविजन (नगर निगमों के बाहर) में 60 मरीज, ढाका साउथ सिटी कॉरपोरेशन में 57 मरीज और ढाका नॉर्थ सिटी कॉरपोरेशन में 25 मरीज शामिल हैं।
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कीट वैज्ञानिक कबीरुल बशार ने अंतरिम सरकार से कहा है कि फॉगिंग पर निर्भर नहीं रहा जा सकता। इसके बजाय, मच्छरों के प्रजनन स्रोतों और उनके पनपने की जगहों को चिन्हित कर खत्म करना जरूरी है।
बांग्लादेश के जाने-माने अखबार ‘द डेली स्टार’ के अनुसार, कबीरुल बशार ने कहा, “फॉगिंग सिर्फ उन्हीं जगहों पर की जानी चाहिए जहां डेंगू के पुष्ट मामले सामने आए हैं। हर जगह फॉगिंग करने का कोई खास फायदा नहीं होता, लेकिन फिर भी सरकार इसी को मुख्य तरीका बना रही है।
बशार ने आगे कहा कि अगर लोग अपने घरों और आस-पास की जगहों पर मच्छरों के पनपने की जगहें नहीं साफ करेंगे, तो डेंगू को रोकना बहुत मुश्किल होगा। उन्होंने यह भी जोर दिया कि लोगों को जागरूक करना और समाज के सभी लोगों की भागीदारी बहुत जरूरी है।
बशार ने कहा कि अब हर जिले में डेंगू का खतरा पहले से ज्यादा गंभीर हो गया है क्योंकि डेंगू फैलाने वाला एडीज मच्छर अब हर जिले में मौजूद है।
सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों, डॉक्टरों और कीट वैज्ञानिकों का एकमत होकर मानना है कि डेंगू को रोकने के लिए जरूरी बचाव के काम लगातार नहीं हो रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया है कि स्वास्थ्य प्रणाली में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है और डेंगू को रोकने या इलाज करने के लिए मजबूत योजना भी नहीं बनाई गई है। इसलिए, शहरों और गांवों में लोग डेंगू की चपेट में आसानी से आ जा रहे हैं।
Pic Credit : ANI