maoism

  • माओवाद का पराभव

    यह बहस का मुद्दा है कि माओवाद का पराभव सिर्फ सरकारी नजरिया बदलने के कारण हुआ है, या अतिवादी रणनीति तथा भारतीय राज्य के चरित्र एवं समाज की समझ संबंधी गलतियां माओवादियों को इस मुकाम तक ले आई हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के हाथों भारतीय संविधान की कॉपी ग्रहण कर वरिष्ठ माओवादी नेता मालोजुला वेणुगोपाल राव और उनके 60 अन्य साथियों ने समर्पण कर दिया। इसके साथ ही फड़णवीस ने एलान किया कि उत्तर गढ़चिरौली से माओवाद का खात्मा हो गया है, जबकि दक्षिण गढ़चिरौली में इसका थोड़ा-बहुत प्रभाव बाकी है। उधर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि...

  • माओवाद (नक्सल) का हुआ सफाया?

    बुनियादी ढांचे, शिक्षा-स्वास्थ्य सुविधाओं और सुरक्षा को प्राथमिकता देकर मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में नक्सलवाद की जड़ों पर गोली के साथ विकास के जरिए सीधा वार किया है। 14,000 किलोमीटर से अधिक सड़कें अब सुदूर इलाकों को मुख्यधारा से जोड़ रही हैं। ऐसे क्षेत्रों को हजारों मोबाइल टावर फोर-जी नेटवर्क के माध्यम से आधुनिकता से जोड़ रहे है। जहां पहले बंदूकों का डर था, वहां डाकघर, बैंक, एटीएम खुल गए है। हाल के सालों में जिस प्रकार वामपंथी उग्रवाद— ‘नक्सलवाद’ का खात्मा किया जा रहा है, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से...

  • झटका बहुत बड़ा है

    भाजपा के सत्ता में आने के बाद भारत की राजकीय सोच में आए बदलाव ने माओवादियों के खिलाफ कार्रवाइयों को अधिक निर्मम एवं धारदार बना दिया। उसका नतीजा देश के सामने है। मगर क्या यह परिणाम टिकाऊ साबित होगा? सुरक्षा बलों की कार्रवाई में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के महासचिव नम्बला केशव राव उर्फ बसवराजू की मौत इस प्रतिबंधित संगठन के लिए बहुत बड़ा झटका है। बासवराजू को संगठन की रीढ़ समझा जाता था। वैसे, हाल में माओवादियों को ऐसे झटके लगातार लगे हैं। अभी पिछले महीने ही झारखंड में एक अन्य प्रमुख माओवादी नेता प्रयाग मांझी उर्फ विवेक...