देवर्षि नारदः भक्तों में भक्ति के संवादक
वे प्रत्येक युग में भगवद्भक्ति और उनकी महिमा का विस्तार करते हुए लोककल्याण के लिए सर्वदा सर्वत्र विचरण किया करते हैं। वे भक्ति तथा संकीर्तन के आद्य आचार्य हैं। वे हाथ में भगवन जप महती नामक वीणा धारण कर वीणा वादन करते हुए मुख से सदैव नारायण नारायण का विष्णुनाम जपा करते हैं। मान्यतानुसार वीणा का आविष्कार भी नारद ने ही किया था। 14 मई -नारद जयंती धर्म के प्रचार तथा लोक कल्याण हेतु सदैव प्रयत्नशील रहने वाले भगवान विष्णु के अनन्य भक्त देवर्षि नारद मानव सृष्टि के आदिकाल से ही सभी युगों में, सभी लोकों में, समस्त विद्याओं में,...