कांग्रेस, एनसीपी ने उद्धव को सपोर्ट नहीं किया!
महाराष्ट्र में विधान परिषद के चुनाव में उद्धव ठाकरे के करीबी मिलिंद नार्वेकर चुनाव लड़े और हार गए। सवाल है कि जब महाविकास अघाड़ी यानी कांग्रेस, उद्धव ठाकरे और शरद पवार के गठबंधन के पास विधायकों की पर्याप्त संख्या नहीं थी और उनके पास जितने विधायक थे उतने से वे दो सीटें ही जीत सकते थे तो तीसरी सीट पर उम्मीदवार क्यों दिया गया? और अगर उम्मीदवार दिया गया तो उसकी जीत सुनिश्चित करने के लिए क्या राजनीति हुई? ऐसा तो हो नहीं सकता कि उद्धव ठाकरे ने ऐसे ही अपने सबसे करीबी सहयोगी को चुनाव में उतार दिया! तीसरी...