Rajasthan Assembly Election 2023

  • राजस्थानः या तो जांत या बालकनाथ!

    एक शब्द में राजस्थान चुनाव 2023 का लबोलुआब है-‘दिलचस्प’, ‘हैरानीभरा’।इसलिए क्योंकि जो पहले माना जा रहा था और जो पुराना ढर्रा था उस पर चुनाव नहीं हुआ है। राजधानी जयपुर के कई पत्रकारों ने पहले से ही धारणाएं बनाई हुई थी।गुलाबी शहर के जवाहर कला केन्द्र की ऊंची दीवारों के बीच वे एक सपाट वाक्य बोलते थे-‘‘हर पांच साल में यहां बदलाव होता है... अब की बार बीजेपी ही आएगी, इसलिए क्या कवर करना?”इस बात में दम भी था। तभी दूर से देखने पर राजस्थान के चुनाव नीरस नजर आ रहे थे। आखिरकार 1998 से लेकर अब तक हर पांच...

  • राजस्‍थान विधानसभा की 199 सीटों के लिए मतदान शुरू

    जयपुर। राजस्थान में विधानसभा आम चुनाव-2023 के लिए मतदान आज सुबह सात बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शांतिपूर्वक शुरु हो गया। निर्वाचन विभाग के अनुसार मतदाता मतदान शाम छह बजे तक सकेंग। इस दौरान पांच करोड़ 26 लाख 90 हजार 146 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे। निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान के लिए पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं। सुबह हल्की ठंड के बीच लोगों मतदान के प्रति काफी उत्साह दिखाई दिया और सुबह मतदान शुरु होते ही मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं की लाइने लग गई। सुबह सात बजे मतदान शुरु होते ही जयपुर जिला निर्वाचन अधिकारी प्रकाश पुरोहित...

  • मेवाड़ से होगी उलटफेर?

    उदयपुर/बांसवाडा। आज मतदान है। और निश्चित ही मेवाड़ में मुकाबलाकांटे का है। उदयपुर, चित्तोडगढ, भीलवाडा व बांसवाड़ा के मेवाड-वाघड़ इलाके में मतदान वैसा नहीं होता लगता है जैसा 2018 या उससे पहले के चुनावों में था। भाजपा बिखरी हुई है। कांग्रेस रामभरोसें है और दोनों पार्टियों के बागियों की पौ-बारह है!तभी पूरे राजस्थान को लेकरमोटा मोटी लगता है कि राजस्थान आज जब वोट डालेगा तो वह पहले के चुनावों से हटकर होगा। पहले के चुनावों में ज्यादातर लोग बदलाव के पक्ष में होते थे, क्योंकि वे या तो राजे की भाजपा से तंग आ चुके होते थे और अशोक गहलोत...

  • गौभक्त जीतेगा या मोदी?

    भीलवाड़ा।बाईस तारीख की रात भीलवाड़ा का माहौल अचानक अफवाहभरा हुआ। चुनाव प्रचार समाप्त होने के एक दिन पहले शहर में जो घटा, वह कतई शुभ नहीं था। कुछ लडकों में हाथापाई हुई। बात बिगड़ी और 16 साल के एक लड़के की मौत हुई और उसके पिता को गंभीर चोटें आईं। पूरे शहर में घटना के पीछे भाजपा उम्मीदवार विट्ठलशंकर अवस्थी बनाम बागी उम्मीदवार अशोक कोठारी के राजनैतिक झगड़े की अफवाह फैली। कुछ लोगों ने इसे एक बड़ी पार्टी के लोगों द्वारा कोठारी समर्थक की हत्या बताया, कुछ के अनुसार यह शहर की शांति भंग करने के लिए किया गया और...

  • सीपी जोशी का काम, वही बाहरी गौरव वल्लभ में दम और खम!

    उदयपुर।राजसमंद जिले के नाथद्वारा में घुसते ही आपको कांग्रेस के वरिष्ठ नेता-स्पीकर सीपी जोशी की विशाल होर्डिंग दिखतीं है। इन होर्डिंग में वे एक भले और सहज मिजाजी नज़र आते हैं। उनके चेहरे पर उनकी ट्रेडमार्क बालसुलभ मुस्कान है। और ऐसा नहीं है वे केवल अपनी मुस्कराहट से काम चलाना चाहते हैं। उन्होंने काम भी किया है। तभी श्रीनाथजी की नगरी अब पहले से ज्यादा चमकदार लगी। साफ़-सफाई बेहतर है और सडकें चौडीं हैं। कई आलीशान होटल और मॉल ऊग आये हैं। मगर फिर भी बताया जा रहा है कि जोशी की राह आसान नहीं है। मैं अमित शाह का...

  • हर 25-50 किलोमीटर पर बदला हुआ मूड!

    नसीराबाद/बांदनवाडा। एक ही प्रदेश, उसमें भी हर जिले में हर 25-50 किलोमीटर पर ही लोगों का मूड बदल जाता है। जैसे बोली बदलती है वैसे लोगों का चुनावी मिजाज बदला हुआ। जाति से जहां केमिस्टी गडबडाती हुईवही गणित लोगों में चुप्पी बनवाए हुए। दौसा के गुर्जर जहांकांग्रेस से नाराज लगे वहीं अजमेर के गुर्जर कांग्रेस की ओर झुके हुए हैं। और जाट तथा राजपूतों के मूडका जहां सवाल है लोकल उम्मीदवार की जाति से मतदाताओं की पार्टीगत वफादारियां बदलते हुई हैं।नसीराबाद में चाय की दुकान पर गपशप कर रहे भंवरलाल ने चुनावी मूड के लबोलुआब में कहा, ‘‘यहां फाईट है”।कस्बे...

  • गहलोत का दांव कितना कारगर होगा?

    राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 25 नवंबर को होने वाले मतदान से एक बड़ा दांव चला है। उन्होंने मंगलवार को एक कार्यक्रम में कहा कि राज्य की सभी दो सौ सीटों पर वे खुद चुनाव लड़ रहे है। उन्होंने कहा कि मतदाताओं को लोकल मामले पर ध्यान नहीं देना है और न यह देखना है कि कौन चुनाव लड़ रहा है। गहलोत ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में जो काम किया है और जो नीतियां बनाई हैं, उनको ध्यान में रख कर लोग मतदान करें। यह पहली बार है, जब किसी मुख्यमंत्री...

  • भीड़ न राजकुमारी (दीया) के लिए और न पीएम (मोदी) के लिए!

    जयपुर। दीया कुमारी का चुनाव प्रचार अल सुबह शुरू हो जाता है। वे सुबह 7 बजे अपने महल से रवाना हो जाती हैं।वे एक वोल्वो कार में चलती हैं और उनके काफिले में दो और कारें रहती हैं। राजकुमारी चाहती हैं कि लोग उन्हें अपना मानें, अपनी बेटी की तरह देखें।मंगलवार को वे सुबह 8 बजे हरमदा की करणी कालोनी पहुंचती हैं और एक नुक्कड़ सभा को संबोधित करती हैं। वहां उन्हें देखने, सुनने और उनसे मिलने के लिए जो थोड़े से लोग इकठ्ठा हैं उनमें कुछ युवा हैं और कुछ वृद्ध। लेकिन जनसमूह के छोटा होने से दीया कुमारी...

  • रंगीले राजस्थान के धोद में लाल परचम!

    सीकर।हर तरफ नारंगी, हरे और सफेद झंडों के बीच अचानक यदि लाल झंडे दिखने लगे तो हैरानी होगीही।  हां, राजस्थान में अभी भी लाल झंडे। सीकर से आगे ज्योंहि धोद में घुसते है तो लाल झंडों और होर्डिंगों की बहार आ जाती है।कम्युनिस्ट लाल झंडे, सीपीआई (एम) के झंडे लहराती कारें, ट्रेक्टर और मोटरसाईकिलें गांवों और सड़कों पर घूमती हुई दिखती हैं। ऐसा दृश्य उत्तर भारत में अब शायद ही कहीं औरदेखने को मिलेगा। लेकिन धोद और उसके आसपास कामरेड लोग चुनावी दंगल में जोरशोर से हिस्सा ले रहे हैं। यहाँ तक कि 2023 का इस जगह मुकाबला दो धुर...

  • सचिन में वह जोश नहीं और “गहलोत तुझसे बैर नहीं…

    सचिन पायलट अपना जोश खो चुके हैं। जो दृढ़ संकल्प और उत्साह मैंने उनमें 2018 के चुनाव के दौरान देखा था वह अब कहीं नजर नहीं आता। उनकी आंखों की चमक फीकी पड़ चली है और चाल में अब वह फुर्तीलापन नहीं है। उनके भाषण छोटे और नीरस हैं। वे कांग्रेस हाईकमान के प्रति शुक्रगुजार तो हैं लेकिन उनके व्यवहार में गुस्सा भी साफ झलकता है। दौसा में राहुल गांधी की सभा में तैनात एक पुलिस कांस्टेबिल ने स्थिति की बहुत बढ़िया व्याख्या की: “सचिन पायलट का मूड नहीं है लड़ने का। और सही भी है। उनके साथ बहुत गलत...

  • उत्तर प्रदेश का प्रयोग क्या राजस्थान में?

    अलवर लोकसभा सीट के भाजपा सांसद मंहत बालकनाथ को विधानसभा चुनाव में उतारने के बाद से इस बात की चर्चा हो रही है क्या राजस्थान में उत्तर प्रदेश का प्रयोग दोहराया जा सकता है? भाजपा ने जिस तरह उत्तर प्रदेश में भगवा पहनने वाले और गोरखपुर की गोरक्षा पीठ के महंत योगी आदित्यनाथ को देश के सबसे बड़े राज्य का मुख्यमंत्री बनाया उसी तरह क्या महंत बालकनाथ को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है? बालकनाथ नाथ संप्रदाय के आठवें महंत हैं। महंत चांदनाथ ने 2016 में एक बड़े आयोजन में महंत बालकनाथ को अपना उत्तराधिकारी बनाया था। उस कार्यक्रम...

  • खड़गे और गहलोत पर मोदी का हमला

    जयपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर निशाना साधा। उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद संभवतः पहली बार मोदी ने उनके ऊपर हमला करते हुए कहा कि खड़गे ने उनके पिता को गाली दी थी। राजस्थान में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे मोदी ने कहा कि खड़गे ने उनके पिता को गाली दी थी, जबकि उनके पिता का निधन40 साल पहले हो चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘खड़गे जी आप तो ऐसे नहीं थे’। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी निशाना साधा। भरतपुर में भाजपा की विजय संकल्प सभा को संबोधित करते...

  • स्वीप करने का परस्पेशन!

    राहुल गांधी 23 सितंबर को जयपुर में कांग्रेस के नए मुख्यालय के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे तब उन्होंने एक कार्यक्रम में पांच राज्यों को विधानसभा चुनाव को लेकर भविष्यवाणी की। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में सरकर बनाएगी लेकिन राजस्थान में कांग्रेस को कड़ी टक्कर मिलेगी। उनके इस बयान की बहुत चर्चा हुई। माना गया कि खुद राहुल ने राजस्थान में अपनी पार्टी की संभावना को कम कर दिया। इसके बाद राहुल राजस्थान से दूर रहे। नौ अक्टूबर को चुनाव की घोषणा हुई उसके बाद राहुल का एक कार्यक्रम नहीं हुआ। वे 23 सितंबर के...

  • राहुल क्यों नहीं जा रहे राजस्थान?

    यह लाख टके का सवाल है, जिसका जवाब कांग्रेस के नेताओं के पास भी नहीं है। सारे नेता अपने अपने हिसाब से जवाब बता रहे हैं। हकीकत यह है कि राहुल गांधी डेढ़ महीने से ज्यादा समय से राजस्थान नहीं गए हैं। आखिरी बार वे 23 सितंबर को राजस्थान गए थे। चुनाव आयोग ने नौ अक्टूबर को विधानसभा चुनाव की घोषणा की थी। उसके बाद से राहुल गांधी राजस्थान नहीं गए। हालांकि दिल्ली में वे टिकट बंटवारे के लिए हुई बैठकों में शामिल हुए और आलाकमान को चुनौती देने वाले कई विधायकों की टिकट कटवा दी लेकिन प्रचार के लिए...

  • राजस्थान में आलाकमान के शिकार हुए नेता

    वैसे तो कांग्रेस और भाजपा की चुनावी रणनीति में बहुत बड़ा फर्क है। राजस्थान में कांग्रेस की टिकटों से लेकर चुनाव प्रचार तक का अधिकतर फैसला पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने किया। इसके उलट भाजपा में ज्यादातर फैसले आलाकमान ने किए। जहां जरुरत हुई वहां प्रदेश के नेताओं को शामिल किया गया लेकिन किसी मामले में उनको वीटो का अधिकार नहीं था। हालांकि उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद भाजपा ने प्रदेश के नेताओं खासकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को थोड़ी तरजीह दी। फिर भी पार्टी आलाकमान ने उनके कई करीबी नेताओं की टिकट काट दी। दूसरी ओर...

  • राजस्थान में क्या पेंच है भाजपा में?

    भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश में उम्मीदवारों की घोषणा शुरू कर दी है। उसने उम्मीदवारों की तीन सूची जारी की है, जिसमें 79 नाम हैं। इसी तरह छत्तीसगढ़ में भी 21 नामों की घोषणा हो गई है। इनमें से एक मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है तो छत्तीसगढ़ में वह विपक्षी पार्टी है। सवाल है कि राजस्थान में क्या पेंच है, जो पार्टी वहां उम्मीदवारों की घोषण नहीं कर रही है? अगर भाजपा ने रणनीति के तहत चुनाव की घोषणा से पहले ही उम्मीदवारों की घोषणा शुरू कर दी है तो उसी रणनीति के तहत राजस्थान में घोषणा...

  • राजस्थान में टिकटों पर भाजपा की माथापच्ची

    नई दिल्ली। राजस्थान विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए भाजपा के शीर्ष नेताओं की रविवार को बैठक हुई। वैसे प्रदेश के नेता पिछले दो दिन से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और उनकी भी कई दौर की बैठकें हुई हैं। रविवार को पार्टी मुख्यालय में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई, जिसमें तमाम वरिष्ठ नेता शामिल हुए। रविवार की शाम को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में बैठक हुई। इससे पहले रविवार को दिन में केंद्रीय मंत्री और प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी के आवास पर राजस्थान के नेताओं की हुई। प्रदेश अध्यक्ष सीपी...

  • राजस्थान में नरेंद्र मोदी लड़ रहे चुनाव!

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले नौ वर्षों में किसी प्रदेश (गुजरात व यूपी में भी नहीं) के विधानसभा चुनाव की भाजपा लड़ाई का कंट्रोल अपने पास नहीं रखा। लेकिन राजस्थान का असेंबली चुनाव अपने कंट्रोल में लिया है। हां, राजस्थान में प्रदेश भाजपा या केंद्रीय भाजपा संगठन दिखावे के रोल में है। नरेंद्र मोदी खुद एक-एक बात तय करते हुए हैं। प्रचार-प्रसार और मीडिया प्रबंधन आदि का सारा काम मोदी-जेपी नड्डा कमांड की अधीनस्थ टीमों से होगा। तमाम व्यस्तताओं के बीच नरेंद्र मोदी हर तरह का टेकओवर लिए हुए होंगे। क्यों? कई कारण हैं। एक, आगे के लोकसभा चुनाव में...

  • राजस्थान में केजरीवाल ने शुरू किया प्रचार

    गंगानगर। आम आदमी पार्टी ने राजस्थान में अपने चुनाव अभियान की शुरुआत कर दी है। पार्टी के सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को गंगानगर में एक रैली को संबोधित किया, जिसमें कांग्रेस सरकार के ऊपर जम कर हमला किया। उन्होंने भाजपा को भी निशाना बनाया और लोगों से आम आदमी पार्टी को एक मौके देने का आग्रह किया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने पांच साल में कोई काम नहीं किया है। केजरीवाल ने प्रधानमंत्री के कम पढ़े लिखे होने का दावा भी किया। राजस्थान के लोगों के सामने दिल्ली और पंजाब की...

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