क्षेत्रीयता की भावना बढ़ रही है
लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार को लोकतंत्र को गहरा नुकसान पहुंचाने वाली कई प्रवृत्तियों के उभरने के लिए याद किया जाएगा। पहले पार्टियां एक दूसरे पर आरोप लगा कर या एक दूसरे को भ्रष्ट और निकम्मा बता कर चुनाव लड़ती थीं लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि पार्टियां विशुद्ध रूप से झूठे दावे करके चुनाव लड़ रही हैं। रेवड़ी राजनीति को भी शिखर पर ले जाने के लिए यह चुनाव याद किया जाएगा। लेकिन सबसे खतरनाक प्रवृत्ति जो इस चुनाव में उभरती दिखी है वह क्षेत्रीयता की भावना है। सिर्फ प्रादेशिक पार्टियां ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय पार्टियों ने भी...