reserve bank of india

  • पुराना पड़ गया फॉर्मूला?

    आसान शर्तों पर ऋण की उपलब्धता बढ़ा कर अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने की भारतीय रिजर्व बैंक की कोशिशें कामयाब नहीं हुई है। मनी सप्लाई बढ़ाने के कदमों का क्रेडिट ग्रोथ पर ना के बराबर असर हुआ है। यह समझ अब गलत साबित हो रही है कि बैंकों के पास ऋण देने के लिए अधिक नकदी उपलब्ध होने पर आर्थिक वृद्धि दर तेज होती है। मान्यता है जब बैंक आसान शर्तों पर कर्ज देते हैं, तो लोग ऋण लेकर टिकाऊ उपभोक्त सामग्रियों या मकान आदि की अधिक खरीदारी करते हैं। इससे बढ़ी मांग के कारण उद्योगपति निवेश बढ़ाते हैं, जिससे आर्थिक...

  • ऋण का बोझ घटा?

    असल कहानी मीडिया हेडलाइन्स के नीचे कहीं छिपी होती है। ताजा रिपोर्ट को ही लें, तो उससे यह कहानी भी उभरती है कि फ़ौरी उपभोग के मकसद से लिए गए ऋण की मात्रा असल में बढ़ी है। vv मीडिया के एक हिस्से ने इसी रिपोर्ट से हेडलाइन निकाली है कि भारत में घरेलू कर्ज की मात्रा जून 2024 की तुलना में पिछले दिसंबर तक आकर एक प्रतिशत प्रतिशत घट गई। जून 2024 में घरेलू ऋण जीडीपी की तुलना में 42.9 प्रतिशत था। दिसंबर 2024 में 41.9 फीसदी रहा। हालांकि दिसंबर 2023 (40 प्रतिशत) और जून 2021 (36.6 प्रतिशत) की तुलना...

  • आरबीआई ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की

    भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने शुक्रवार को अर्थव्यवस्था में वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए रेपो रेट में 50 आधार अंकों की बड़ी कटौती कर इसे 6 प्रतिशत से 5.5 प्रतिशत करने की घोषणा की।   आरबीआई गवर्नर ने सीआरआर में 100 आधार अंकों की कटौती की भी घोषणा की, जो 6 सितंबर, 4 अक्टूबर, 1 नवंबर और 29 नवंबर से 25 आधार अंकों की चार बराबर किस्तों में प्रभावी होगी। केंद्रीय बैंक के इस कदम से बैंकिंग सिस्टम में 2.5 लाख करोड़ रुपए आने की उम्मीद है, जिससे लिक्विडिटी बढ़ेगी और क्रेडिट फ्लो को सपोर्ट मिलेगा। कम...

  • रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की डिप्टी गवर्नर नियुक्त हुईं ‘पूनम गुप्ता’

    केंद्र सरकार ने पूनम गुप्ता को तीन साल की अवधि के लिए भारतीय रिजर्व बैंक का डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया है। वह माइकल डी. पात्रा की जगह लेंगी, जो इस साल जनवरी में इस महत्वपूर्ण पद से सेवानिवृत्त हुए थे। 7 से 9 अप्रैल को होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक से ठीक पहले कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उनके नाम को मंजूरी दे दी है। वह वर्तमान में नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च में महानिदेशक हैं।  गुप्ता प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य और 16वें वित्त आयोग की सलाहकार परिषद की सदस्य भी हैं। वह नीति...

  • आंकड़ों के आईने में

    उत्पादक Economy में बेहतर रोजगार पैदा नहीं होंगे, तो लोग ऋण पर अधिक आश्रित होते जाएंगे, जबकि संसाधन संपन्न लोगों के पास वित्तीय संपत्तियों में निवेश के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचेगा। भारत में यही हो रहा है।  भारतीय रिजर्व बैंक की एक ताजा रिपोर्ट से सामने आए तीन पहलुओं ने ध्यान खींचा है। पहली यह कि आम भारतीय परिवारों पर औसत कर्ज में बढ़ोतरी का सिलसिला थम नहीं रहा है। दूसरीः भारतीय मध्य वर्गीय परिवारों में शेयर और बॉन्ड में निवेश के प्रति आकर्षण कायम है। तीसरीः रियल एस्टेट क्षेत्र संकटग्रस्त बना हुआ है, क्योंकि उसमें निवेश के...