सड़क पर बढ़ता की जा रहा है गुस्सा!
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आँकड़ों के अनुसार, भारत में रोड रेज और लापरवाह ड्राइविंग के 4.09 लाख मामले दर्ज किए गए, जिनमें 4.79 लाख लोग घायल हुए। हाल के वर्षों में यह संख्या और बढ़ी है, विशेष रूप से बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, और बेंगलुरु में।कानूनी दृष्टिकोण से, भारत में रोड रेज के लिए कोई विशिष्ट कानून नहीं है। भारत की सड़कों पर रोड रेज (सड़क पर गुस्सा) की घटनाएँ दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। बेंगलुरु में कुछ समय पहले रोड रेज घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह न केवल एक सामाजिक समस्या है,...