Saraswati Maa

  • सत्य ज्ञान, वाणी की देवी सरस्वती

    भाष्यकारों ने सरस्वती को यज्ञरूपा भी कहा है। देवताओं के लिए संपादित किए जाने वाले यज्ञ में यजमान सरस्वती के पितरों की भांति रथारूढ होकर आने के लिए आह्वान करता है। सम्प्रति सरस्वती की मान्यता वाग्देवी (वाकदेवी) के रूप में है, और इस रूप में इनकी उपासना- आराधना, पूजा- अर्चना वसंत पंचमी कही जाने वाली माघ शुक्ल पंचमी को धूमधाम और हर्षोल्लास पूर्वक की जाती है। यह मान्यता सहस्त्राब्दियों पुरानी हैं। इसलिए पारंपरीण है। ऋग्वेद में सरस्वती को नदितमे और देवितमे दोनों ही संज्ञा से विभूषित किया गया है। वेद में नदी अथवा बहने वाली धारा को सचेतन प्रवाह का...