Shani Jayanti 2025

  • सूर्यपुत्र शनि गुरु तथा शिक्षक भी

    शनि सीमा ग्रह कहलाता है। जहां पर सूर्य की सीमा समाप्त होती है, वहीं से शनि की सीमा शुरु हो जाती है। जगत में सत्य और असत्य का भेद समझना शनि का विशेष गुण है। यह ग्रह कष्टकारक तथा दुर्दैव लाने वाला है। विपत्ति, कष्ट, निर्धनता, देने के साथ साथ बहुत बडा गुरु तथा शिक्षक भी है, जब तक शनि की सीमा से प्राणी बाहर नही होता है, संसार में उन्नति संभव नही है। 27 मई शनि जयंती पर भगवान सूर्य और उनकी पत्नी देवी छाया से उत्पन्न शनिदेव का नाम सुनकर लोग सहम जाते हैं, डर जाते हैं, प्रकोप...