स्वामी विवेकानन्द: व्यवहारिक जीवन के शिक्षक
दुर्भाग्य से स्वतंत्र भारत में उन के शिक्षण को तिरोहित कर उन्हें मात्र ‘रिलीजियस’ श्रेणी में रख दिया गया। मानो उन की शिक्षाओं की बच्चों, युवाओं को आवश्यकता नहीं।...किन्तु याद करें, बरसों पश्चिम में कीर्ति-पताका फहरा कर जब विवेकानन्द भारत आए, तब देश भर में घूम-घूम कर उन्होंने आम जनों के बीच व्याख्यान दिए। कोलम्बो, मद्रास से ढाका, लाहौर तक उन के व्याख्यान लाखों लोगों ने सुने। ...विवेकानन्द ने ऐसी अनेक सीख दी, जो नित्यप्रति जीवन में काम आने वाली है। स्वामी विवेकानन्द को केवल धर्म-गुरू समझना एक भ्रामक धारणा है। वे महान शिक्षक थे: भारतीय ज्ञान-परंपरा के व्याख्याता। अमेरिका,...