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  • मेक इन इंडिया और भारत का व्यापार घाटा

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार ने मेक इन इंडिया का बड़ा हल्ला मचाया। ऐसा दावा किया गया कि भारत में अब निर्माण सेक्टर तेजी पकड़ रहा है और भारत से भी वस्तुओं का निर्यात होने लगा है। मोबाइल फोन का निर्यात बढ़ने का तो सबसे ज्यादा शोर मचा है। लेकिन अब वित्त वर्ष 2023-24 में भारत के विदेशी कारोबार के आंकड़े आए हैं तो पता चला है कि भारत का आयात लगातार बढ़ता गया है और दुनिया के ज्यादातर देशों के साथ कारोबार में व्यापार घाटा भारत का ही हुआ है। ताजा आंकड़ों के हिसाब से चीन सहित शीर्ष...

  • व्यापार संतुलन पर दबाव

    अप्रैल में हुए कुल व्यापार घाटे में सबसे बड़ा योगदान सोना और कच्चे तेल का रहा। सोने का आयात लगभग तिगुना होकर 3.11 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। 20.2 फीसदी बढ़ोतरी के साथ कच्चे तेल का कुल आयात 16.64 बिलियन डॉलर का रहा। इस वित्त वर्ष के पहले महीने- यानी अप्रैल में भारत के व्यापार घाटे में 19.1 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई। इसका प्रमुख कारण आयात में भारी वृद्धि है। अप्रैल में कुल निर्यात 34.62 बिलियन डॉलर का रहा, जबकि आयात 54.09 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। आयात बढ़ने का एक प्रमुख कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना और कच्चे...

  • चीन का समाधान नहीं!

    चीन से कारोबार में दिक्कत यह है कि इसमें बढ़ोतरी के साथ ही भारत का व्यापार घाटा और बढ़ जाता है। 2023-24 में भारत ने 101.7 बिलियन डॉलर का चीन से आयात किया। निर्यात सिर्फ लगभग 17 बिलियन डॉलर का ही रहा। वित्त वर्ष 2023-24 में फिर चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार बन गया। इसके पहले के दो वित्त वर्षों में यह दर्जा अमेरिका को हासिल हुआ था। बीते साल भारत और चीन के बीच 118.4 बिलियन डॉलर का कारोबार हुआ, जबकि अमेरिका के साथ आयात-निर्यात 118.3 बिलियन डॉलर तक ही पहुंच पाया। चीन के साथ कारोबार के...