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  • बड़ी, पर अधूरी कामयाबी

    टीआरएफ या लश्कर-ए-तैयबा के कुछ ठिकानों को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने निशाना बनाया। लेकिन उनके समर्थन का पूरा तंत्र नष्ट हो गया है, यह नहीं कहा जा सकता। जब तक यह नहीं होता, हर कामयाबी अधूरी मानी जाएगी। आतंकवादी संगठन ‘द रेजिस्टैंस फोर्स’ (टीआरएफ) को ‘विदेशी दहशतगर्द संगठनों’ और ‘खास तौर पर चिह्नित वैश्विक आतंकवादी संगठनों’ की सूची में डालने का अमेरिका का फैसला स्वागतयोग्य है। इसे भारतीय कूटनीति की सीमित कामयाबी भी समझा जाएगा। टीआरएफ लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा संगठन है। उसने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमलों की जिम्मेदारी ली थी। तब से भारत सरकार का प्रयास रहा...

  • अमेरिका ने पाक समर्थित ‘टीआरएफ’ को घोषित किया आतंकी संगठन

    अमेरिका ने पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार पाक समर्थित द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) की सूची में डाल दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मांग पर ऐसा फैसला लिया गया है। इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक सफलता माना जा रहा है।  अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने गुरुवार (अमेरिकी समयानुसार) को एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने इसे अमेरिकी राष्ट्रपति का पीड़ितों के प्रति न्याय करार दिया। मार्को रुबियो ने बयान में लिखा, 'लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का एक मुखौटा और प्रॉक्सी, टीआरएफ ने 22 अप्रैल, 2025...