देशी नवाचार कंपनियों के ऐसे हाल
ब्लूस्मार्ट और ओला से जुड़े इन विवादों ने ऐसे उद्योगों में ग्राहकों का विश्वास कमजोर किया है। ये कंपनियां, जो कभी सुविधा और नवाचार का प्रतीक थीं, अब वित्तीय कुप्रबंधन और अनैतिक प्रथाओं के लिए जानी जा रही हैं। ग्राहकों के बीच यह धारणा बढ़ रही है कि उनके पैसे का उपयोग न केवल उनकी सेवा में, बल्कि प्रमोटरों के व्यक्तिगत लाभ के लिए भी किया जा रहा है। भारत का ‘कैब’ उद्योग, जो कुछ वर्षों पहले तक तकनीकी नवाचार और सुविधा का प्रतीक माना जाता था, आज ब्लूस्मार्ट और ओला जैसी प्रमुख कंपनियों पर लग रहे आरोपों से सवाल...