Ukraine Crisis

  • यूक्रेन संकट पर एर्दोगन व पुतिन में चर्चा

    अंकारा। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने बुधवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन पर बात की और यूक्रेन तथा रूस के बीच संघर्ष पर चर्चा की। श्री एर्दोगन के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि उन्होंने जोर देकर कहा कि रूसी अनाज और उर्वरक के निर्यात में बाधाओं को दूर करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ परामर्श जारी रखना फायदेमंद होगा। तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा कि पूरी दुनिया काला सागर अनाज पहल की निरंतरता को महत्व देती है, जो यूक्रेनी अनाज को विश्व बाजारों में निर्यात करने की अनुमति देता...

  • अपनत्व से रूस-यूक्रेन टकराव का अंत: मोदी

    हिरोशिमा (जापान)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस यूक्रेन के बीच टकराव को समाप्त करने के लिए विश्व के सर्वाधिक समृद्ध एवं शक्तिशाली सात देशों को भगवान बुद्ध के संदेश पर चलने का आह्वान किया जिसके अनुसार, 'शत्रुता से शत्रुता शांत नहीं होती। अपनत्व से शत्रुता शांत होती है।” श्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने जी-7 (G-7) शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन नौवें सत्र में अपने आरंभिक वक्तव्य में यह आह्वान किया। नौवें सत्र में वैश्विक शांति, स्थिरता एवं समृद्धि के विषय पर चर्चा में रूस यूक्रेन का विषय छाया रहा। श्री मोदी ने रूस यूक्रेन संघर्ष (Russia Ukraine Crisis) को...

  • जी7 नेताओ ने ज़ेलेंस्की के साथ यूक्रेन संकट पर चर्चा चर्चा की

    हिरोशिमा। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने रविवार को जापान के हिरोशिमा में जी-7 शिखर सम्मेलन में यूक्रेन में संघर्ष को समर्पित कार्य सत्र में भाग लिया। अंतरराष्ट्रीय प्रेस केंद्र में रविवार के कार्य सत्र का प्रसारण किया गया। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, यूरोपीय परिषद और यूरोपीय आयोग के प्रमुखों सहित जी-7 नेताओं ने कार्यक्रम की शुरुआत से पहले संयुक्त रूप से तस्वीर खिंचवायी। श्री ज़ेलेंस्की रविवार को शांति और स्थिरता के मुद्दों के लिए समर्पित जी-7 नेताओं और आमंत्रित राष्ट्रों के नेताओं की एक विस्तारित बैठक में अतिथि के रूप में भाग लेने वाले हैं। उल्लेखनीय है कि...

  • खतरा गहराने का संकेत

    पुतिन और बाइडेन के संबोधनों से कुछ संकेत पाने के प्रयास में नजर आई। संकेत मिले भी। संकेत यह है कि यूक्रेन युद्ध का समाधान अभी कहीं करीब नहीं है। खतरा बढ़ रहा है। सोवियत संघ के विघटन के बाद रूस में अमेरिका की तर्ज पर स्टेट ऑफ द यूनियन संबोधन की शुरुआत की गई थी। लेकिन इस बार राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन के संबोधन पर दुनिया का जितना ध्यान केंद्रित हुआ, वैसा शायद पहले ही कभी हुआ हो। इसकी एक बड़ी वजह तो यह है कि ये संबोधन यूक्रेन युद्ध की पहली बरसी से सिर्फ तीन दिन पहले हुआ, लेकिन...