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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को एक पत्र भी लिखा है. पत्र में लिखा गया है कि किसी भी देश का राष्ट्रीय ध्वज वहां
महिलाओं के खिलाफ देश भर में बढते अपराध विशेष रूप से यौन हिंसा की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को परामर्श जारी कर कहा है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के हर मामले में सभी नियमों का पालन करते हुए अनिवार्य कार्रवाई की जानी चाहिए।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने केंद्र सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए देशभर में अनलॉक की एक समान नीति बनाकर उसे हर राज्य में लागू करने के कदम का स्वागत किया है।
केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने कोरोना महामारी से निपटने की योजना बनाने और उनके कार्यान्वयन के लिए गठित अधिकार प्राप्त समूहों का पुनर्गठन किया है।
सरकार कल से कुछ सरकारी गतिविधियों को इजाजत दे रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देश के मुताबिक जिन सेवाओं और गतिविधियों को कल से छूट दी जा रही है,
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आज को कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने, सामाजिक दूरी कायम करने और पांच या इससे अधिक लोगों के जमा नहीं होने जैसे नियमों का
भारत सरकार और राज्यों की सरकारें भी अगर कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकना चाहती है तो सबसे पहले महानगरों में रह रहे प्रवासियों की समस्या पर ध्यान देना होगा। देश के छोटे-बड़े सभी शहरों में और खास कर महानगरों में लाखों की संख्या में प्रवासी लोग रहते हैं। दूसरे राज्यों के मजदूर झुग्गी-झोपड़ी कॉलोनियों में रहते हैं। ऐसी कॉलोनियों में तमाम बुनियादी सुविधाओं की कमी है। दिल्ली के महिपालपुर की झुग्गी की कहानियां राष्ट्रीय मीडिया में आई हुई हैं। वहां झुग्गी-झोपड़ी कॉलोनी में पानी नहीं है। ध्यान रहे इस वायरस के संक्रमण के लिए साफ-सफाई और हाथ धोते रहना सबसे पहली जरूरत है पर लोगों के पास पीने का पानी नहीं है तो लोग सफाई क्या करेंगे। जाहिर है कि अगर सफाई के लिए पानी नहीं मिला को वायरस का संक्रमण बढ़ेगा। ऐसी अनगिनत झुग्गियां हैं और सबमें इसी तरह की कहानी है। इन झुग्गियों में दस गुणा दस या 12 गुणा 12 की झोपड़ी में पूरा परिवार रहता है। चार-पांच लोगों का परिवार इतनी छोटी जगह में है, यह अपने आप में स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा है। अगर कोरोना जैसा संक्रमण फैला हो तो इसका खतरा कितना बढ़ जाता है, यह समझा जा सकता है।… Continue reading महानगरों को खाली कराना होगा
लॉकडाउन (तालाबंदी) की ज्यों ही घोषणा हुई, मैंने कुछ टीवी चैनलों पर कहा था और अपने लेखों में भी पहले दिन से लिख रहा हूं कि यह ‘लाकडाउन’ कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक सिद्ध हो सकता है। कोरोना से पिछले दो हफ्तों में 20 लोग भी नहीं मरे हैं और 1000 लोग भी उसके मरीज़ नहीं हुए हैं लेकिन शहरों और कस्बों में काम-धंधे बंद हो जाने के कारण अब लाखों मजदूर और छोटे-मोटे कर्मचारी अपने गांवों की तरफ कूच कर रहे हैं। क्यों कर रहे हैं ? क्योंकि उन्हें हर शाम अपनी मजदूरी मिलनी बंद हो गई है। जो लोग कारखानों और दफ्तरों में ही सो जाते थे, उनमें ताले पड़ गए हैं। देश भर के इन करोड़ों लोगों के पास खाने को दाने नहीं हैं और सोने को छत नहीं है। वे अपने गांवों की तरफ पैदल ही चल पड़े हैं। उनके बीवी-बच्चे भी हैं। उनके पेट और जेब दोनों ही खाली हैं।सरकार ने 80 करोड़ लोगों के लिए खाने में मदद की घोषणा करके अच्छा कदम उठाया है लेकिन ये जो अपने गांवों की तरफ दौड़े जा रहे मजदूर, कर्मचारी और छोटे व्यापारी हैं, ये लोग भूख के मारे क्या रास्ते में ही दम नहीं तोड़ देंगे… Continue reading कोरोनाः रेलें और बसें तुरंत चलाएं
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अलग अलग शहरों से पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों को रोकने का निर्देश जारी किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को परामर्श जारी करते हुए कहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों और असंगठित क्षेत्र के कामगारों के शहरों से घरों की ओर हो रहे बड़ी तादाद में पलायन को वे रोकें। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे गए परामर्श में यह भी कहा है कि वे छात्रावासों और कामकाजी महिला छात्रावासों में जरूरी वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति को सुनिश्चित करें, जिससे कि कामगार और मजदूर गांवों की ओर पलायन नहीं कर पाएं। गृह मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि सरकार ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाजरी जारी कर कहा है कि वे प्रवासी कृषि मजदूरों, उद्योगों में लगे कामगारों और असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे लोगों के बड़े पैमाने पर गांवों की ओर हो रहे पलायन को रोकें ताकि कोरोना वायरस से संक्रमण को दूरदराज के इलाकों में फैलने से रोका जा सके। यही नहीं राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह भी… Continue reading प्रवासी को रोकने का निर्देश
केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों से देश में तीन सप्ताह के लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार शाम नकाबपोश हमलावरों द्वारा छात्रों और शिक्षकों पर किए गए हमले पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट तलब की है।
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को आंतरिक सुरक्षा प्रभाग (इंटरनल सिक्योरिटी डिवीजन) के दो प्रभागों का विलय कर उन्हें एक में बदल दिया। अधिकारियों ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा प्रभाग का पुनर्गठन करने के साथ ही तत्काल प्रभाव से संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी को इसके काम की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। यह पता चला है कि आंतरिक सुरक्षा-2 (आईएस-2) प्रभाग को आंतरिक सुरक्षा-1 (आईएस-1) के साथ मिला दिया गया है और अब इसका नाम आंतरिक सुरक्षा (आईएस) प्रभाग होगा। महिला सुरक्षा मामलों की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव अपने स्वयं के प्रभार के अलावा आंतरिक सुरक्षा प्रभाग का काम भी देखेंगी। इसे भी पढ़ें : तीनों सेनाओं में समन्वय बढाने में जुटे सीडीएस मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि यह परिवर्तन अचानक लिया गया निर्णय नहीं है और आंतरिक सुरक्षा प्रभाग के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए लंबे समय से इस पर विचार किया जा रहा था।