काशी में उदासीनता है और नशा उतर गया है!
2014 में वाराणसी ने एक बाहरी व्यक्ति को उम्मीद, भरोसे और आस्था के साथ गले लगा लिया। और वह उनकी भक्ति में डुबा। लेकिन अब, 2024 के मौजूदा वक्त में? ...काशी बदल गयी है, उसका माहौल बदल गया है।... इस ऐतिहासिक, आदिशहर की प्राचीनता खो गई है। नया शहर, नई सभ्यता बनाने, नए रंग रोंगन के लिए पुरानी काशी को नष्ट कर दिया गया है, जो ऊपरी तौर पर ताजातरीन और चमकीली भले दिखे लेकिन अंदर से खोखली, खंडित और दिखाऊ है – काशी का एक ऐसा निर्माण, ऐसा विकास है जिसकी कोई आत्मा नहीं है। वाराणसी से श्रुति व्यास...