Vedpratap Vaidik

  • डॉ. वैदिकः हिंदी पत्रकारिता और खाली!

    वैदिकजी कभी थके नहीं। कभी हारे नहीं। कभी विश्राम नहीं किया। उन्हें जीवन से कभी कोई गिला नहीं रहा। शायद ही किसी से वे चिढ़े या उनका कोई दुश्मन हो। … लोगों की उनसे रागात्मकता इसलिए थी कि भला उन जैसा निस्पृह, निर्लोभ दूसरा कौन है शहर में! सोचें, ‘नया इंडिया’ का पहले पेज का बॉटम आज से बिना डॉ. वैदिक की उपस्थिति के होगा। लगभग 11 वर्षों से डॉ. वैदिक ‘नया इंडिया’ के पहले पेज के लिए लिखते हुए थे। गजब संयोग जो पांच दिन पहले होली के दिन प्रेस एनक्लेव में बेटी अपर्णा के यहां लंच करके डॉ....

  • वरिष्ठ पत्रकार वेदप्रताप वैदिक का निधन, हिंदी प्रेमियों में शोक की लहर

    नई दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार (Senior journalist) और अंतरराष्ट्रीय मामलों के जाने माने विशेषज्ञ वेदप्रताप वैदिक (Vedpratap Vaidik) का मंगलवार सुबह निधन हो गया। वह 78 साल के थे। उनके निजी सहायक मोहन ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वैदिक सुबह गुड़गांव स्थित अपने घर में करीब साढ़े नौ बजे के आसपास शौचालय गए थे और वह वहीं बेहोश हो गए। शौचालय का दरवाजा तोड़ कर उन्हें बाहर निकाला गया और अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मृत्यु हो गई। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व वैदिक पूरी तरह स्वस्थ थे और कल भी वह दिल्ली गए थे। डाक्टरों ने दिल...