Vishwamitra Jayanti

  • विश्वामित्र: पुरुषार्थ से ब्राह्मणत्व सिद्ध किया

    विश्वामित्र शब्द विश्व और मित्र से बना है जिसका अर्थ है- सबके साथ मैत्री अथवा प्रेम। लेकिन वसिष्ठ द्वारा कामधेनु न देने पर उनसे शत्रुता, युद्ध और फिर पराजय की घटना के कारण वे अपकीर्ति के शिकार भी हुए। ऋग्वेद में अनेक मंत्रों से सिद्ध होता है कि विश्वामित्र यज्ञों में पुरोहित का कार्य करते थे, और वृत्ति के संबंध में इनमें तथा वशिष्ठ में बहुत समय तक बराबर झगड़े- बखेड़े होते रहते थे। वे एक दूजे के धुर विरोधी थे। 24 अक्टूबर - कार्तिक शुक्ल तृतीया- ऋषि विश्वामित्र जयंती कुशिक गोत्रोत्पन्न कौशिक वंशीय राजा गाधि के पुत्र विश्वामित्र न...

  • गायत्री मंत्र के द्रष्टा महर्षि विश्वामित्र

    भारत के सर्वाधिक प्रतिष्ठित ऋषि महर्षि विश्वामित्र ने न सिर्फ अपने ज्ञान और तपस्या के बल पर भारतीय धर्म और संस्कृति को समृद्ध किया, बल्कि अपनी साधना व तपस्या के बल पर क्षत्रियत्व से ब्राह्मणत्व धारण कर सातवें मन्वन्तर के सप्तऋषियों में शामिल होने में सफलता प्राप्त कर ली और अपनी कर्म से शुद्धि (आर्य बनाने) आंदोलन के प्रथम पुरुष के रूप में कृणवंतों विश्वमार्यम के उद्घोषक भी बने। राजर्षि से ब्रह्मर्षि बने विश्वामित्र ने अपने कर्म से यह सिद्ध कर दिखाया कि संध्योपासना व तपस्या के बल पर सब कुछ संभव किया जा सकता है तथा प्राणी को काम...