विश्वामित्र: पुरुषार्थ से ब्राह्मणत्व सिद्ध किया
विश्वामित्र शब्द विश्व और मित्र से बना है जिसका अर्थ है- सबके साथ मैत्री अथवा प्रेम। लेकिन वसिष्ठ द्वारा कामधेनु न देने पर उनसे शत्रुता, युद्ध और फिर पराजय की घटना के कारण वे अपकीर्ति के शिकार भी हुए। ऋग्वेद में अनेक मंत्रों से सिद्ध होता है कि विश्वामित्र यज्ञों में पुरोहित का कार्य करते थे, और वृत्ति के संबंध में इनमें तथा वशिष्ठ में बहुत समय तक बराबर झगड़े- बखेड़े होते रहते थे। वे एक दूजे के धुर विरोधी थे। 24 अक्टूबर - कार्तिक शुक्ल तृतीया- ऋषि विश्वामित्र जयंती कुशिक गोत्रोत्पन्न कौशिक वंशीय राजा गाधि के पुत्र विश्वामित्र न...