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  • पराजय पश्चिम की साझा ताकत की

    अलास्का में हुई ट्रंप-पुतिन शिखर बैठक का नतीजा अब जग-जाहिर है। इसमें किसी को संदेह नहीं है कि ट्रंप उन्हीं शर्तों या मांगों पर सहमत हुए, जिन्हें अगर 2022 में ही मान लिया गया होता, तो ये लड़ाई होती ही नहीं। पुतिन की शर्तें किस हद तक मानी गईं, इस पर से परदा खुद ट्रंप ने किस्त-दर-किस्त उठाया है। डॉनल्ड ट्रंप का (यूक्रेन) युद्ध विरोधी रुख अपनाना दरअसल पश्चिम की उन तमाम साझा नाकामियों का ही नतीजा है। ट्रंप यह कहने की स्थिति में रहे हैं कि यह उनका युद्ध नहीं है। यह जो बाइडेन का युद्ध है। अगर वे...