z plus security

  • केरल के राज्यपाल को मिली जेड प्लस सुरक्षा

    तिरुवनंतपुरम। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और राज्य सरकार के बीच चल रहा विवाद एक नए मुकाम पर पहुंच गया है। राज्यपाल शनिवार को सीपीएम के छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी एसएफआई के कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के खिलाफ सड़क पर बैठ गए। कोल्लम में हुए इस विवाद में दो घंटे तक गतिरोध बना रहा। एसएफआई कार्यकर्ताओं के साथ हुई झड़प के केंद्र सरकार ने राज्यपाल को जेड प्लस सुरक्षा प्रदान कर दी। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को राजधानी तिरुवनंतपुरम से करीब 40 किलोमीटर दूर कोल्लम जिले में एसएफआई के सदस्यों के विरोध का सामना करना पड़ा। छात्रों...

  • पंजाब सीएम ने केंद्र की जेड प्लस सुरक्षा लेने से किया इनकार

    Punjab News Z Plus Security :- पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने केंद्र द्वारा उन्हें दी जा रही जेड प्लस सुरक्षा (Z Plus Security) लेने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें राज्य पुलिस पर भरोसा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (Home Ministry) को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री कार्यालय ने पंजाब और दिल्ली के लिए सुरक्षा लेने से यह कहते हुए इनकार कर दिया है कि इन दोनों जगहों पर पंजाब पुलिस की विशेष टीम उनकी सुरक्षा कर रही है। एक अधिकारी ने कहा, अगर मुख्यमंत्री को पंजाब और दिल्ली में भी एक केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी द्वारा...

  • ‘अपनी पार्टी’ अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी को मिली जेड प्लस सिक्योरिटी

    नई दिल्ली। केंद्र सरकार (Central government) ने जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के नेता और 'अपनी पार्टी (Apni Party)' के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी (Altaf Bukhari) को जेड प्लस (Z Plus) श्रेणी की वीआईपी सुरक्षा (VIP Security) प्रदान की है। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। पिछले महीने ही अल्ताफ बुखारी को 'अपनी पार्टी' के अध्यक्ष के रूप में दोबारा से चुना गया था। वह अगले तीन सालों तक पार्टी के अध्यक्ष रहेंगे। इस बीच अब उनकी सुरक्षा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने बड़ा फैसला लिया है। बुखारी की चौबीसों घंटे सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगभग...

  • ऐसे कैसे मिली ‘जेड प्लस’ की सुरक्षा?

    आज यह आम कायदा है कि जब भी हमें किसी सरकारी दफ़्तर में जाना होता है तो बिना एंट्री पास के आप उस कार्यालय में नहीं घुस सकते। एक दफ़्तर में एंट्री पास के लिए भी नियम तय होते हैं, जिनका पालन सख़्ती से किया जाता है।फिर ऐसे कैसे हो गया कि जब किरण पटेल पहली बार घाटी के ‘सरकारी दौरे’ पर आया तो उसके बारे में जाँच नहीं हुई? अब जब मामले ने तूल पकड़ लिया है तो जाँच होना तो स्वाभाविक ही है। बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी। लोग बेवजह उदासी का सबब पूछेंगे। यह नज्म जब...