Wednesday

25-06-2025 Vol 19

संपादकीय कॉलम

रोजगार की गंभीर सूरत

रोजगार की गंभीर सूरत

बीते दो दशकों में कुछ विरोधाभासी संकेत देखे गए हैँ। कुछ अवधियां ऐसी रहीं, जब गैर-कृषि रोजगार पहले की तुलना मे अधिक तीव्र गति से बढ़ा।
आक्रामक तेवर में रूस

आक्रामक तेवर में रूस

रूस ने कहा है कि उनसे पूछताछ और अपनी अन्य जांच के आधार पर यह तय करेगा कि हमलावरों को निर्देश कहां से मिला।
एकाधिकार पर प्रहार

एकाधिकार पर प्रहार

एपल जैसे नेशनल चैंपियन तक भी अब कानून के हाथ पहुंच गए हैं। ढाई दशक पहले माइक्रोसॉफ्ट को ऐसी ही कार्रवाई के जरिए दो भागों में बांट दिया गया...
लद्दाख की आवाज सुनें

लद्दाख की आवाज सुनें

वांगचुक ने देश को आगाह किया है कि तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालय के ग्लेशियर पिघल रहे हैं।
स्टार्ट-अप्स के सूखे स्रोत

स्टार्ट-अप्स के सूखे स्रोत

कोरोना महामारी और उसके ठीक बाद के दौर में जब असल अर्थव्यवस्था डगमग थी, तब नकदी से भरपूर निवेशकों ने स्टार्ट-अप्स पर बड़ा दांव लगाया।
गायब हो गई चमक

गायब हो गई चमक

बाइडेन ने राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद बड़े धूम-धाम से समिट ऑफ डेमोक्रेसीज- यानी लोकतांत्रिक देशों के सम्मेलन का आयोजन किया था
भारतः अरबपति राज का उदय

भारतः अरबपति राज का उदय

दुनिया के जिन देशों में सबसे ज्यादा आर्थिक गैर-बराबरी बढ़ी है, उनमें भारत प्रमुख है।
चुनाव में चर्चा नहीं

चुनाव में चर्चा नहीं

पिछले साल प्रदूषण किस तेजी से बढ़ा भी यह ध्यान देने योग्य है। 2022 में भारत आठवां सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाला देश था।
समस्या बहुत गंभीर है

समस्या बहुत गंभीर है

अब एक जर्मन संस्था ने कहा है कि दुनिया में लोकतांत्रिक सरकारों की संख्या घट रही है।
पारदर्शिता से क्यों परहेज?

पारदर्शिता से क्यों परहेज?

भारत में राजनीतिक चंदे की लगातार गड्डमड्ड होती गई परिघटना के साथ-साथ राजनीति पर कॉरपोरेट घरानों के कसते गए शिकंजे का भी परदाफाश हो रहा है। electoral bonds supreme...
विदेशी निवेश क्यों गिरता हुआ?

विदेशी निवेश क्यों गिरता हुआ?

एकाधिकार कायम कर चुके घराने नहीं चाहते कि विदेशी पूंजी आकर ऐसे उद्यम खड़े, जिससे उनके लिए प्रतिस्पर्धा खड़ी हो। Foreign Direct Investment
विपक्षी दांव की दिक्कतें

विपक्षी दांव की दिक्कतें

अब ऐन वक्त पर उन्हें मोदी हटाओ के नकारात्मक एजेंडे पर चुनाव मैदान में उतरना पड़ रहा है।
कड़वे सच का सामना

कड़वे सच का सामना

यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आंकड़ों के साथ खिलवाड़ या हेरफेर जरिए ऐसी धारणाएं बनाई गई हैं, जिनका कोई वास्तविक आधार नहीं है।
मैराथन चुनाव कार्यक्रम

मैराथन चुनाव कार्यक्रम

आर्थिक संसाधन, लंबे समय तक सक्रिय रह सकने वाली चुनाव मशीनरी और अपने चुनावी नैरेटिव को आकर्षक बनाए रखने की क्षमता इनमें शामिल हैं। Lok sabha election 2024 schedule
कठघरे में है सरकार

कठघरे में है सरकार

सबसे परेशानी वाली बात यह सामने आई है कि कथित खोखा (शेल) कंपनियां सियासी चंदा दे रही हैं और पार्टियां उन्हें स्वीकार भी कर रही हैं। electrol bonds supreme...
मुश्किल में एमएमसीजी क्षेत्र

मुश्किल में एमएमसीजी क्षेत्र

उचित प्रयास सरकार की तरफ से नहीं किए गए हैँ। नतीजतन, गांवों में मंदी है और उसका साया एफएमसीजी कारोबार पर भी पड़ रहा है। Economy crisis
किसानों की बात सुनें

किसानों की बात सुनें

यह स्वागतयोग्य है कि दिल्ली पुलिस ने संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) को रामलीला मैदान में महापंचायत लगाने की इजाजत दी। इसे प्रशासन के रुख में एक बड़े बदलाव के...
आत्म निर्भरता के बावजूद!

आत्म निर्भरता के बावजूद!

भारत में जारी जोरदार चर्चा एक यह है कि भारत ना सिर्फ हथियारों के मामले में आत्म-निर्भरता की दिशा में बढ़ा है, बल्कि अब वह महत्त्वपूर्ण अस्त्रों का निर्यात...
भरोसे का नया संकट

भरोसे का नया संकट

आम चुनाव से ठीक पहले एक आयुक्त के इस्तीफे को लेकर अभी भी रहस्य बना हुआ है।
चुनाव से ठीक पहले

चुनाव से ठीक पहले

मजहब नागरिकता तय करने की एक कसौटी बन जाएगा। समझा जा सकता है कि यही व्यवस्था करना इस कानून का मुख्य मकसद है।
कितना कुछ जाहिर होगा?

कितना कुछ जाहिर होगा?

सुप्रीम कोर्ट ने आम चुनाव तक इलेक्ट्रॉल बॉन्ड्स संबंधित विवरण पर परदा डालने की भारतीय स्टेट बैंक की कोशिश नाकाम कर दी।
संदेह की वजहें हैं

संदेह की वजहें हैं

जिन हालात में निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दिया, उससे शक पैदा होने की ठोस वजहें हैं।
पुर्तगाल में भी धुर-दक्षिण

पुर्तगाल में भी धुर-दक्षिण

घटनाक्रम का कुल सार यह है कि समृद्धि और आम संपन्नता का दौर गुजरते ही यूरोप के बहुचर्चित कल्याणकारी ढांचे की चूलें हिलने लगी हैं। socialists party
भारत अब डेमोक्रेसी नहीं?

भारत अब डेमोक्रेसी नहीं?

संस्था ने कहा है- 2013 के बाद भारत में तानाशाही प्रवृत्ति तेजी से बढ़ी है।
कहने की जरूरत पड़ी!

कहने की जरूरत पड़ी!

जाहिर है, अभियुक्त मुस्लिम थे, जिन पर सांप्रदायिक द्वेष फैलाने का इल्जाम लगा दिया गया था।
पर्यावरण के हक में

पर्यावरण के हक में

कोर्ट ने यह कड़ी टिप्पणी की कि ऐसी मिलीभगत के जरिए अल्पकालिक आर्थिक लाभ के लिए पर्यावरण को क्षति पहुंचाई जा रही है।
मूलभूत सिद्धांत की पुष्टि

मूलभूत सिद्धांत की पुष्टि

साईबाबा और पांच अन्य लोगों पर ऐसी ही गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ यूएपीए लगा दिया गया था
गोल्ड क्यों चमक उठा?

गोल्ड क्यों चमक उठा?

सोने के भाव में इस बढ़ोतरी के साथ-साथ क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत ने भी रिकॉर्ड बनाया है।
ट्रंप एक परिघटना हैं

ट्रंप एक परिघटना हैं

अब यह लगभग तय है कि अगले पांच नवंबर को उनका सीधा मुकाबला राष्ट्रपति जो बाइडेन से होगा। Donald Trump
सवालों के घेरे में

सवालों के घेरे में

भारतीय स्टेट बैंक ने इलेक्ट्रॉल बॉन्ड संबंधी याचिका देकर सुप्रीम कोर्ट के सामने भी अग्निपरीक्षा जैसी स्थिति खड़ी कर दी है। electronic bond
एक नई लक्ष्मण-रेखा

एक नई लक्ष्मण-रेखा

शासन की एक संस्था दूसरे संस्था के अधिकार क्षेत्र में अपनी पैठ बनाने लगे, तो इसे समस्याएं पैदा हो सकती हैँ।
सिर्फ नकारात्मक एजेंडे पर?

सिर्फ नकारात्मक एजेंडे पर?

पटना में हुई रैली में गठबंधन के कई बड़े चेहरे मौजूद रहे और वहां जुटे लोगों में जीवंतता भी नजर आई।
साख पर सीधा प्रहार

साख पर सीधा प्रहार

जस्टिस गंगोपाध्याय से संबंधित खबर न्यायिक साख के लिए तगड़े झटके के रूप में रूप में आई है।
सतर्कता की उचित सलाह

सतर्कता की उचित सलाह

भारत सरकार ने बीते हफ्ते एक लाख 26 हजार करोड़ रुपये निवेश की तीन चिप परियोजनाओं को मंजूरी दी। chip manufacturing india
ये आंकड़े चुनावी हैं?

ये आंकड़े चुनावी हैं?

प्रश्न है कि क्या अब बताए गए आंकड़े अंतिम हैं? या आम चुनाव के माहौल में सुर्खियां बटोर लेने के बाद इनमें भी परिवर्तन किया जाएगा economic growth
कृत्रिम स्थिरता की चाहत

कृत्रिम स्थिरता की चाहत

इस बीच विधि आयोग ने जो सुझाव रखे हैं, उसके मुताबिक सभी विधानसभाओं के चुनाव दो किस्तों में इस तरह संपन्न कराए जाएंगे
भारत के धनवान

भारत के धनवान

भारत दुनिया में अति धनवान व्यक्तियों की संख्या में सबसे तेज वृद्धि दर दर्ज करने वाला देश बन जाएगा।
दांव-पेच और जोड़-तोड़

दांव-पेच और जोड़-तोड़

बात नई नहीं है, लेकिन अब बहुत बदरूप ढंग ले चुकी है। अक्सर राज्यसभा चुनावों के दौरान इसका नंगा नाच देखने को मिलता है।
कानून का भय ही नहीं!

कानून का भय ही नहीं!

कोर्ट ने अपनी दवाओं के बारे में मीडिया में भ्रामक विज्ञापन देने से उसे मना किया था। लेकिन कंपनी ने कोर्ट में हलफनामा देने के बावजूद उसकी परवाह नहीं...
डब्लूटीओ से ना-उम्मीदियां

डब्लूटीओ से ना-उम्मीदियां

विश्व व्यापार संगठन (डब्लूटीओ) की 13वीं मंत्री स्तरीय बैठक अबू धाबी में बिना ज्यादा उम्मीद के माहौल में शुरू हुई है।
पश्चिमी प्रतिबंधों की आंच

पश्चिमी प्रतिबंधों की आंच

हाल में अन्य मामलों में भी दिखा है कि पश्चिमी देशों का भारत के प्रति रुख अचानक सख्त होने लगा है।
किसान असंतोष की जड़ें

किसान असंतोष की जड़ें

जलवायु परिवर्तन की वजह से मौसम का अनिश्चय बढ़ गया है। इन कारणों से खेती अधिक जोखिम भारी पेशा बन गई है। Farmers protest Kishan Andolan
यह खुशहाली तो नहीं

यह खुशहाली तो नहीं

ताजा सर्वे रिपोर्ट के बारे में यह तो कहा जाएगा कि यह आज की हकीकत को बताती है, मगर 2011-12 से उसकी तुलना करना तार्किक और वाजिब नहीं होगा।
भारत की रूस चिंता

भारत की रूस चिंता

जयशंकर ने कहा कि पश्चिमी देशों को चाहिए कि वे दरवाजे बंद करने के बजाय रूस को अधिक विकल्प उपलब्ध कराएं, ताकि वह चीन के ज्यादा करीब ना चला...
हताश युवा क्या करें?

हताश युवा क्या करें?

भारत सरकार ने स्वीकार कर लिया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के लिए रूस की सेना ने कई भारतीय युवाओं की भर्ती की है। Russia Ukraine War
लंबी अस्थिरता की ओर

लंबी अस्थिरता की ओर

हालिया चुनाव में तमाम लोकतांत्रिक मर्याताओं को ताक पर रख देने के बावजूद सेना ऐसी सियासी सूरत तैयार नहीं कर पाई है, जिससे स्थिर सरकार की राह निकले। Pakistan...
नाजुक मोड़ पर आंदोलन

नाजुक मोड़ पर आंदोलन

पंजाब-हरियाणा से लगे खनौरी बॉर्डर पर पुलिस कार्रवाई में एक नौजवान किसान की मौत ने किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के मौजूदा दौर को नाजुक मोड़ पर पहुंचा दिया है।...
मराठा आरक्षण के बावजूद

मराठा आरक्षण के बावजूद

मुद्दा यह है कि क्या आरक्षण से गरीबी या शैक्षिक पिछड़ेपन की समस्या दूर हो जाएगी?