राजनीति का खेला कर गहलोत फिर दौड़ में
अशोक गहलोत की राजनीति ने आख़िर फिर यह साफ़ कर दिया कि राजस्थान के सरदार वहीं हैं और अगले विधानसभा चुनावों में पार्टी की जय-जयकार भी वही कर सकते हैं। अब ऐसा गहलोत ने जनता के हित के लिए दर्जनभर योजनाओं को फटाफट लागू कर किया या फिर राजस्थान के वोटरों को जातियों में बंटा दिखाकर यह जताकर किया कि वे जिस जाति से ताल्लुक़ रखते हैं उनकी तादाद सबसे बड़ी है यानी माली। यह बात अलग है पर लंबे समय से सचिन पायलट के साथ की लड़ाई पर विराम ज़रूर लगा दिया। और रही बची कसर जल्दी ही ही...