• उपासना व साधना का श्रावण अधिकमास

    2023 में सावन महीने में अधिकमास पड़ा है। इसलिए  सावन एक नहीं, बल्कि दो महीने का होगा। अगली बार अधिक मास भाद्रपद में आएगा। सावन 4 जुलाई 2023 से शुरू हो चुका है, और  31 अगस्त 2023 को समाप्त होगा। इसमें अधिकमास की अवधि 18 जुलाई से 16 अगस्त तक होगी। ऐसा दुर्लभ संयोग पूरे 19 वर्ष बाद बना है, जिसमें सावन महीना पूरे 59 दिनों का होगा। इस वर्ष भारतीय पंचाग के अनुसार 15 अगस्त 2023 की तिथि विक्रम संवत 2080, शक संवत 1945, माह श्रावण पक्ष कृष्ण तिथि चतुर्दशी तिथि ही है। 18 जुलाई- श्रावण अधिकमास शुरू भारतीय...

  • वेद पठन-पठान का सभी मनुष्यों को अधिकार

    यजुर्वेद के 26/2 मन्त्र में उपमालङ्कार है। परमात्मा सब मनुष्यों के प्रति इस उपदेश को करता है कि वेदों के पढ़ने -पढ़ाने का सब मनुष्यों को अधिकार है, और विद्वानों को उनके पढ़ाने का। इसलिए ईश्वर आज्ञा देता है कि- हे मनुष्यों! जिस प्रकार मैं तुम को चारों वेदों का उपदेश करता हूं, उसी प्रकार से तुम भी उनको पढ़के सब मनुष्यों को पढ़ाया और सुनाया करो। क्योंकि यह चारों वेदरूप वाणी सब का कल्याण करने वाली है। तथा जैसे सब मनुष्यों के लिए मैं वेदों का उपदेश करता हूं, वैसे ही सदा तुम भी किया करो। परमेश्वरोक्त ग्रन्थ वेद...

  • दुष्टों को रूला देने वाले रूद्र

    जो जीव जैसा कर्म करता है, वैसा ही फल पाता है। जब दुष्ट कर्म करने वाले जीव ईश्वर की न्यायरूपी व्यवस्था से दुःखरूप फल पाते, तब रोते हैं और इसी प्रकार ईश्वर उनको रुलाता है, इसलिए परमेश्वर का नाम रुद्र है। सत्यार्थ प्रकाश के प्रथम समुल्लास में स्वामी दयानन्द सरस्वती रूद्र शब्द का अर्थ करते हुए कहते हैं- रुदिर् अश्रुविमोचने- इस धातु से णिच् प्रत्यय होने से रुद्र शब्द सिद्ध होता है। यो रोदयत्यन्यायकारिणो जनान् स रुद्रः अर्थात- जो दुष्ट कर्म करनेहारों को रुलाता है, इससे परमेश्वर का नाम रुद्र है। शतपथ ब्राह्मण के वचनानुसार जीव जिसका मन से ध्यान...

  • आध्यात्मिक ज्ञान का चेतन स्वरूप गुरु

    गुरु उसको कहते हैं जो वेद-शास्त्रों का गृणन (उपदेश) करता है अथवा स्तुत्य होता है। पन्थ अथवा मजहब के परे संपूर्ण मानव जाति की ओर समान दृष्टि से देखने वाले गुरु संस्कृति, राष्ट्रीयता अथवा लिंग के आधार पर वे भेद नहीं करते, और आध्यात्मिक उन्नति की लगन वाले शिष्य की प्रतीक्षा में रहते हैं। वे किसी पर धर्मांतरण करने के लिए दबाव नहीं डालते। सर्वज्ञानी होने के कारण शिष्य स्थूल रूप से पास में न होने पर भी गुरु का शिष्य की ओर निरंतर ध्यान रहता है। 3 जुलाई- गुरु पूर्णिमा बुद्धि की समझ से परे सूक्ष्म स्तरीय विषय अध्यात्म...

  • भगवान जगन्नाथ की उल्टी घुरती रथयात्रा

    इस दिन भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा बहुत ही धूमधाम के साथ निकाली जाती है। भगवान जगन्नाथ की यह यात्रा के वर्ष में एक बार भगवान जगन्नाथ को उनके गर्भ गृह से बाहर निकालकर यात्रा कराई जाती है। उनके साथ भगवान कृष्ण और उनके बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा भी रथ में बैठकर यात्रा करते हैं। यह रथयात्रा का यह उत्सव पूरे 9 दिनों तक बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। मान्यतानुसार इस यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ अपनी गर्भ गृह से बाहर आकर प्रजा के सुख दुख हो स्वयं देखते हैं। 28 जून- जगन्नाथपुरी की उल्टी...