nayaindia Import आयात आंकड़ों का अंतर

आयात आंकड़ों का अंतर

साल 2016 में अंतरराष्ट्रीय संस्था ग्लोबल फाइनेंशियल इंटेग्रिटी की रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत में टैक्स बचाने के लिए अंडर इनवॉयसिंग बड़े पैमाने पर होती है। जीएफआई ने अंडर इनवॉयसिंग और ओवर इनवॉयसिंग को काला धन का एक प्रमुख स्रोत बताया था।

चीन से होने वाले आयात में कथित घपले का अंदेशा गहरा गया है। यह अंदेशा बीते कई वर्षों से जारी है। मुद्दा यह है कि चीन के सरकारी आंकड़ों में भारत को हुए निर्यात की जो मात्रा बताई जाती है, वह भारत सरकार के आयात आंकड़ों से काफी ज्यादा है। 2022 की तुलना में 2023 के पहले दस महीनों के जो आंकड़े हैं, उनमें यह अंतर और बढ़ गया है। पिछले साल के जनवरी-अक्टूबर के चीनी आंकड़ों के अनुसार भारत को 99.29 बिलियन डॉलर का निर्यात हुआ। जबकि भारतीय आंकड़ों के मुताबिक इस अवधि में हुआ सिर्फ 86.54 बिलियन डॉलर का आयात हुआ। इस वर्ष चीनी आंकड़ों में ये संख्या 97.97 बिलियन डॉलर है। भारतीय आंकड़ों में यह 82.5 बिलियन डॉलर है। मतलब पिछले साल अंतर 12.75 बिलियन डॉलर का था। इस वर्ष यह 15.47 बिलियन डॉलर हो गया है। तो यह राज़ क्या है? तीन ही बातें हो सकती हैं- या तो चीन में ओवर इन्वॉयसिंग (असल निर्यात से अधिक की बिलिंग) हुई या फिर भारत में अंडर इनवॉयसिंग (वास्तविक आयात से कम की बिलिंग) हुई। या फिर दोनों सरकारी आंकड़े सही हैं, खेल आयातकों ने किया।

आयात शुल्क बचाने के लिए वास्तविक से कम आयात दिखाया गया। यह पुराना चलन है। 2016 में अंतरराष्ट्रीय संस्था ग्लोबल फाइनेंशियल इंटेग्रिटी (जीएफआई) की रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत में टैक्स बचाने के लिए अंडर इनवॉयसिंग बड़े पैमाने पर होती है। उस वर्ष सिर्फ पांच उत्पादों के आयात में 1.8 बिलियन डॉलर की कर चोरी का अंदाजा उस संस्था ने लगाया था। उसके पहले जीएफआई की रिपोर्टों की कई रिपोर्टों में अंडर इनवॉयसिंग और ओवर इनवॉयसिंग को काला धन का एक प्रमुख स्रोत बताया गया था। इसीलिए आयात संबंधी चीन और भारत सरकारों के आंकड़ों के बीच जो फर्क है, उसकी गंभीर जांच की जरूरत महसूस होती है। स्पष्ट है कि इस चलन के कारण भारत सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा है। ये बात ध्यान में रखने की है कि ये आंकड़ा सिर्फ चीन से आयात का है। संभव है कि ऐसा दूसरे देशों से हो रहे आयात में भी हुआ हो।

Tags :

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें