बिहार के समस्तीपुर में सड़क किनारे वीवीपैट पर्चियां मिलने के मामले में चुनाव आयोग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए संबंधित एआरओ को लापरवाही के लिए निलंबित किया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने मतदान की निष्पक्षता का आश्वासन देते हुए कहा कि यह घटना केवल मॉक पोल पर्चियों से संबंधित है, मतदान प्रक्रिया की अखंडता पर कोई असर नहीं पड़ा है।
समस्तीपुर की घटना पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा समस्तीपुर के डीएम को मौके पर जाकर जांच करने का निर्देश दिया गया है। चूंकि ये मॉक पोल की वीवीपैट पर्चियां हैं, इससे वास्तविक मतदान प्रक्रिया की अखंडता पर कोई असर नहीं पड़ा है। डीएम ने चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को भी सूचित कर दिया है। हालांकि, संबंधित एआरओ को लापरवाही के लिए निलंबित किया जा रहा है और एफआईआर दर्ज की जा रही है।
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समस्तीपुर के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के गुड़मा गांव में सड़क किनारे कूड़े के ढेर में वीवीपैट पर्चियां पड़ी थीं। सूत्रों के अनुसार, बिहार प्रशासनिक सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी (एआरओ) मॉक मतदान के बाद कुछ देर के लिए मतदान केंद्र से चले गए थे और काम एक कनिष्ठ अधिकारी को सौंप दिया था, जिसने गलती से पर्चियों को 100 मीटर के प्रतिबंधित क्षेत्र से बाहर फेंक दिया था।
सुबह 6.12 बजे के सीसीटीवी फुटेज में एक सफाई कर्मचारी को झाड़ू लगाते हुए दिखाया गया, जिससे अनजाने में पर्चियां बिखर गईं।
जिला मजिस्ट्रेट रोशन कुमार ने कहा, “प्रारंभिक जांच से पुष्टि हुई है कि ये मतदान शुरू होने से पहले सुबह 5.30 बजे किए गए अनिवार्य मॉक पोल की वीवीपैट पर्चियां थीं।
चुनाव आयोग के प्रोटोकॉल के अनुसार, ईवीएम-वीवीपैट की कार्यक्षमता की जांच के लिए मतदान एजेंटों की उपस्थिति में मॉक पोल होते हैं, जिसके बाद सीसीटीवी की निगरानी में पर्चियों को नष्ट कर दिया जाता है।
जिला प्रशासन ने जांच के बाद सभी पर्चियों को अलग-अलग राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों की मौजूदगी में जब्त किया। इस मामले में एफआईआर भी दर्ज की गई है।
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