दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सुल्तानपुरी स्थित डीडीए फ्लैट साइट का निरीक्षण किया है। मकानों की जर्जर हालत देखकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पहले की आम आदमी पार्टी और कांग्रेस सरकारों को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों की उदासीनता और दुर्भावनापूर्ण नीतियों के चलते 2011 से तैयार ये फ्लैट्स सालों तक वीरान पड़े रहे। अरबों रुपये खर्च होने के बावजूद इन्हें झुग्गीवासियों को नहीं सौंपा गया।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता शनिवार को कैबिनेट मंत्री आशीष सूद और सांसद योगेंद्र चांदोलिया के साथ सुल्तानपुरी पहुंचीं। उन्होंने अधिकारियों से बातचीत करते हुए डीडीए फ्लैट साइट की स्थिति को समझने की कोशिश की।
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में सीएम रेखा गुप्ता ने कहा, “हम इस इलाके में पहुंचे और यहां के घरों की स्थिति का जायजा लिया। यह घर कांग्रेस सरकार के दौरान बनने शुरू हुए थे और अरविंद केजरीवाल की सरकार में बनकर तैयार हो गए थे, लेकिन न तो यहां किसी को भेजा गया और न ही ठीक से बसाया गया। पहली बार किसी सरकार ने इस बात की चिंता की कि गरीबों को पक्के मकान देने हैं।
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उन्होंने आरोप लगाए कि पहले की सरकारें गरीबों को गरीब ही रखना चाहती थीं। कभी उनकी मानसिकता में नहीं था कि गरीब झुग्गियों से हटकर पक्के मकानों में बस जाएं। झुग्गीवाले पिछली सरकारों के लिए सिर्फ वोटबैंक थे। रेखा गुप्ता ने कहा, “अब हम हर जगह का विस्तृत सर्वे कराएंगे। जो घर मरम्मत योग्य हैं, उनकी मरम्मत करवाई जाएगी। जो घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हैं और मरम्मत के लायक नहीं बचे हैं, उन्हें तोड़ा जाएगा।
दिल्ली के कैबिनेट मंत्री आशीष सूद ने कहा कि यह पिछली सरकार की विफलता है और यह दर्शाता है कि जो मकान गरीब लोगों के लिए बनाए गए थे, उनकी हालत जर्जर है। यह मकान रहने लायक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि समय आया है कि गरीबों को झुग्गियों से निकालकर उनको सम्मानजनक जीवन दिया जाए। हमारी कोशिश होगी कि आसपास के 2 से 3 किलोमीटर के दायरे में मौजूद क्लस्टर हाउसिंग में लोगों को स्थानांतरित किया जाए, ताकि ‘जहां झुग्गी-वहां मकान’ के वादे को साकार किया जा सके।
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