लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा वीर सावरकर के खिलाफ दिए गए विवादित बयान के मामले में सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई टल गई। इस मामले में अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी और तब तक सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश बरकरार रहेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने शिकायतकर्ता वकील नृपेंद्र पांडे को जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट को बताया है कि उसने अपना जवाब दाखिल कर दिया है।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने लखनऊ की निचली अदालत द्वारा जारी समन पर अंतरिम रोक लगाई थी, लेकिन राहुल गांधी के बयान को लेकर कड़ी फटकार भी लगाई थी। कोर्ट ने चेतावनी दी थी कि अगर राहुल गांधी भविष्य में इस तरह के अपमानजनक बयान देंगे, तो वह स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई शुरू करेगा।
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इससे पहले, उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था। उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी के बयान जानबूझकर नफरत फैलाने के इरादे से दिए गए थे, जो अपराध की श्रेणी में आते हैं। सरकार ने शिकायतकर्ता नृपेंद्र पांडे के तर्क का समर्थन करते हुए कहा कि राहुल गांधी के कार्य समाज में नफरत और दुश्मनी फैलाने के इरादे से किए गए थे।
राहुल गांधी ने सावरकर के खिलाफ 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान महाराष्ट्र में दिए गए बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में उन्होंने लखनऊ की निचली अदालत के समन और वहां चल रही कार्यवाही को रद्द करने की मांग की है। राहुल गांधी ने अपने बयान में सावरकर को ‘अंग्रेजों का नौकर’ बताया था और कहा था कि वे ‘अंग्रेजों से पेंशन लेते थे।
वकील नृपेंद्र पांडे ने इसको लेकर निकली अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी। अदालत ने प्रथम दृष्टया भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153(ए) और 505 के तहत मामला दर्ज कर राहुल गांधी को समन जारी किया था।
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