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हम सदैव राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि रखें: जगदीप धनखड़

धनखड़Image Source: ANI Photo

Jagdeep Dhankhar : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का कहना है कि सिर्फ दो वर्षों में जम्मू-कश्मीर को 65,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। यह क्षेत्र में आर्थिक विश्वास की मजबूती को दर्शाता है। 2019 में धारा 370 के ऐतिहासिक निरसन ने पीढ़ियों की आकांक्षाओं को पंख दिए। धारा 370 केवल एक अस्थायी प्रावधान था। भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. बीआर. अंबेडकर ने इसे लिखने से इनकार कर दिया था। सरदार पटेल, जिन्होंने अधिकांश रियासतों का भारतीय संघ में एकीकरण किया, वे भी जम्मू-कश्मीर के पूर्ण एकीकरण को नहीं कर सके। 2019 में, इस पवित्र भूमि पर एक नई यात्रा का शुभारंभ हुआ, “अलगाव से एकीकरण की ओर। (Jagdeep Dhankhar)

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शनिवार को श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय के 10वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर में 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान 35 वर्षों में सबसे अधिक मतदान हुआ, जिसमें कश्मीर घाटी में भागीदारी में 30 अंकों की वृद्धि दर्ज की गई। लोकतंत्र को अपनी वास्तविक आवाज और सच्ची प्रतिध्वनि मिल गई है। यह क्षेत्र अब संघर्ष की कहानी नहीं रह गया है। नए कश्मीर में प्रत्येक निवेश प्रस्ताव केवल पूंजी का विषय नहीं है, बल्कि यह पुनर्स्थापित विश्वास और पुरस्कृत आस्था का प्रतीक है।

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उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन अदृश्य नहीं है, बल्कि प्रत्यक्ष रूप से दिखाई दे रहा है। धारणाएं बदल चुकी हैं, जमीनी हकीकत बदल रही है और जनता की आकांक्षाएं नई ऊंचाइयों को छू रही हैं। वर्ष 2023 में 2 करोड़ से अधिक पर्यटकों ने जम्मू-कश्मीर की यात्रा की, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को अभूतपूर्व बढ़ावा मिला। जो कभी ‘धरती का स्वर्ग’ कहलाता था, वह अब आशा और समृद्धि का प्रतीक बन गया है। इस पावन भूमि के एक महान सपूत ने कभी ‘एक देश में एक निशान, एक विधान, एक प्रधान’ की मांग की थी। आज वह स्वप्न साकार हो चुका है। जहां कभी अव्यवस्था और अस्थिरता थी, वहां अब सुशासन और स्थिरता देखी जा रही है।

उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि राष्ट्रवाद हमारी पहचान है। हमारा परम कर्तव्य है कि हम सदैव राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि रखें। कोई भी राजनीतिक या व्यक्तिगत स्वार्थ राष्ट्रहित से बड़ा नहीं हो सकता। प्रत्येक नागरिक के कुछ कर्तव्य होते हैं। हमारी संस्कृति हमें हमारे कर्तव्य सिखाती है। जब हम अपने नागरिक कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करेंगे, तो परिणाम असाधारण होंगे। हमें विकसित भारत की ओर अपनी यात्रा को तीव्र गति से आगे बढ़ाना होगा। इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, दंड विधान से न्याय विधान की ओर परिवर्तन और औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्ति। (Jagdeep Dhankhar)

उन्होंने कहा कि आज आप एक आत्मविश्वासी और सशक्त भारत में रह रहे हैं। वैश्विक स्तर पर भारत निवेश और अवसरों के सबसे पसंदीदा गंतव्यों में से एक बन चुका है। स्वतंत्रता के बाद हमारे इतिहास में पहली बार, किसी भारतीय प्रधानमंत्री की आवाज वैश्विक मंच पर इतनी प्रभावशाली ढंग से सुनी जा रही है। जम्मू-कश्मीर का यह रूपांतरण केवल एक क्षेत्रीय बदलाव नहीं है, बल्कि भारत के राष्ट्रीय पुनर्जागरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला उपस्थित थे।

By Naya India

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