राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

अटल एक्सप्रेस-वे से किसानों की कीमती जमीन बचाने की कवायद

भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के चंबल इलाके की तस्वीर बदलने के लिए अटल एक्सप्रेस-वे (Atal Expressway) प्रस्तावित है। यह मार्ग इस इलाके के तीन जिलों से होकर गुजरेगा, इस मार्ग के ऐसे इलाके से भी गुजरने के बात सामने आई है, जहां किसानों की कीमती जमीन है। इससे किसानों में नाराजगी की भी आशंका बनी हुई है। किसानों की कीमती जमीन इस मार्ग की चपेट में न आए इसके प्रयास शुरू हो गए हैं। अटल एक्सप्रेस-वे लगभग 308 किलोमीटर लंबा है, इस वे के निर्माण से मध्य प्रदेश के चंबल (Chambal) क्षेत्र का उत्तर प्रदेश और राजस्थान (Rajasthan) से बेहतर संपर्क होगा जिससे इस बात की संभावना बनी हुई है कि आने वाले समय में इस इलाके के विकास में गति आएगी। चंबल क्षेत्र के तीन जिलों — श्योपुर, मुरैना, भिण्ड से राजमार्ग निकाला जा रहा है। इस पर करीब आठ हजार करोड़ रुपए व्यय होंगे।

ये भी पढ़ें- http://भोजताल पर रोप-वे और केबल कार संचालन की कवायद

निर्माण के लिए किए गए सर्वे में यह तथ्य सामने आया है कि कई किसानों की कीमती जमीन इसमें आ रही हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने कहा है कि चंबल क्षेत्र का विकास और जनता का कल्याण राज्य शासन की प्राथमिकता है। प्रारंभिक सर्वे में एक बात सामने आई है कि इसमें कई किसानों की कीमती जमीन इसमें आ रही है। मुख्यमंत्री चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि एक्सप्रेस-वे में अधिक से अधिक सरकारी जमीन का उपयोग हो। जमीन का पुन: चिन्हांकन करें, जिससे किसानों की जमीन नहीं जाए। अटल एक्सप्रेस- सर्वे कार्य भी इसी ²ष्टि से किया जाए। उन्होंने कहा कि इस एक्सप्रेस-वे के बनने से उद्योगों के साथ किसान भी अपनी खेती कर सकेंगे। साथ ही नए-नए उद्योग प्रारंभ होने से बेटे-बेटियों को रोजगार मिलेगा और विकास के द्वार तेजी से खुलेंगे।

केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि देश में छोटे किसानों की संख्या ज्यादा है। छोटे किसानों के लिये दो से चार बीघा जमीन अत्यंत उपयोगी है। अटल एक्सप्रेस-वे के बनने में अगर छोटे किसानों की जमीन उसमें जाती है, तो उनके लिये कठिनाई होगी। यह आवश्यक है कि छोटे किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुये अटल एक्सप्रेस-वे का रि-सर्वे कराया जाए। उन्होंने कहा कि अटल एक्सप्रेस-वे भी क्षेत्र की तस्वीर बदल देगा। एक्सप्रेस-वे के बनने से छोटे और मध्यम उद्योग लगेंगे, जिससे क्षेत्र का तेजी से विकास होगा। केन्द्रीय मंत्री तोमर ने बताया कि क्षेत्र में सबलगढ़ से करोली जाने के लिये अटारघाट पुल (Atarghat Bridge) बन कर तैयार हो गया है। पुल निर्माण से करोली जाने के लिए लोगों को सुविधा होगी। लोगों को अब मुरैना, धौलपुर, बाड़ी होकर करोली नहीं जाना पड़ेगा और वे इस पुल से शिवपुरी से सबलगढ़ और करोली पहुंच सकेंगे। (आईएएनएस)

By NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें