आइजोल। पूर्वोत्तर के राज्य आइजोल में पिछले तीन दशक से ज्यादा समय से चल रहा रिवाज बदल गया है। पिछले तीन दशक से ज्यादा समय से कांग्रेस और मिजो नेशनल फ्रंट की सरकार बन रही थी। लेकिन इस बार जोरम नेशनल फ्रंट ने 40 सदस्यों की विधानसभा में 27 सीटें जीत कर पूर्ण बहुमत हासिल किया है। सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट को हार का सामना करना पड़ा है और खुद मुख्यमंत्री जोरमथंगा भी चुनाव हार गए हैं। उन्होंने सोमवार की शाम को राज्यपाल से मिल कर अपना इस्तीफा सौंप दिया।
उत्तर भारत में बुरी तरह से हारने के बाद कांग्रेस पार्टी को पूर्वोत्तर में भी निराशा हाथ लगी है। मिजोरम में कांग्रेस का सिर्फ एक उम्मीदवार जीत सका, जबकि एक्जिट पोल में कांग्रेस को आठ से 10 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया था। जोरम पीपुल्स मूवमेंट यानी जेडपीएम ने 27 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि मिजो नेशनल फ्रंट यानी एमएनएफ को सिर्फ 10 सीटों पर जीत मिली है। भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार दो सीटों पर जीते हैं।
मिजोरम के मुख्यमंत्री और एमएनएफ उम्मीदवार जोरमथांगा अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और जेडपीएम के उम्मीदवार लालथनसांगा से 21 सौ मतों से आइजोल पूर्वी-एक सीट से चुनाव हार गए हैं। जेडपीएम नई सरकार के गठन का दावा पेश करने के बारे में फैसला करने के लिए जल्दी ही विधायकों की बैठक करेगी। जेडपीएम के नेता लालदुहोमा ने कहा है कि दो दिन के अंदर इस बारे में फैसला होगा। लालदुहोमा पुलिस अधिकारी रहे हैं। वे पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत इंदिरा गांधी की सुरक्षा में रहे हैं और बाद में कांग्रेस के सांसद भी रहे।


