नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को राहत नहीं मिली है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों की दोबारा जांच कराने की मांग की उनकी याचिका खारिज कर दी है। अदालत अब सात मई को आरोप तय करेगी। कोर्ट के इस फैसले के बाद बृजभूषण की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भाजपा ने अभी तक उत्तर प्रदेश की कैसरगंज सीट से उनकी उम्मीदवारी की घोषणा नहीं की है। अब हो सकता है कि उनकी टिकट कट जाए।
बहरहाल, बृजभूषण शरण सिंह ने दावा किया था कि घटना के दिन यानी सात सितंबर 2022 को वे दिल्ली में नहीं थे, इसलिए इन आरोपों की दोबारा जांच की जाए। उन्होंने आरोप लगाने वाली पहलवानों की कॉल डिटेल रिपोर्ट की कॉपी भी मांगी है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में जून 2023 में बृजभूषण के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। गौरतलब है कि यौन शोषण मामले में पहली बार 18 जनवरी 2023 को अंतरराष्ट्रीय पहलवानों बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट सहित 30 से ज्यादा पहलवानों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया था। बाद में अदालत के आदेश से बृजभूषण के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी।
गौरतलब है कि बृजभूषण शरण सिंह उत्तर प्रदेश की कैसरगंज सीट से 2009 से लगातार सांसद हैं। कैसरगंज लोकसभा सीट पर पांचवें चरण में यानी 20 मई को वोटिंग होनी है। वहां 26 अप्रैल से नामांकन शुरू हुआ है। अभी तक भाजपा ने उनको टिकट नहीं दी है। अगर सात मई को आरोप तय होने हैं तो भाजपा उनको टिकट देने का जोखिम नहीं लेगी। हालांकि उनके सामने अभी ऊपरी अदालत में जाने और राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले पर रोक लगवाने का विकल्प है।