लखनऊ। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में उत्तर प्रदेश की आतंकवाद रोधी दस्ते यानी यूपी एटीएस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इन पर आतंकवादी गतिविधियों के लिए वित्तीय मदद जुटाने का भी आरोप है। पकड़े गए लोगों में से एक रामपुर का रहने वाला अमृत गिल उर्फ अमृतपाल सिंह है और दूसरा गाजियाबाद के फरीदनगर का रहने वाला रियाजुद्दीन है। इनके पास से तीन मोबाइल बरामद हुए हैं।
दोनों लोगों के खिलाफ लखनऊ के एटीएस थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। एटीएस ने रविवार को बताया कि पहले रियाजुद्दीन, इजहारुल और तीन अन्य के खिलाफ जांच शुरू हुई थी। इसमें पता चला कि रियाजुद्दीन के बैंक खाते में मार्च-अप्रैल 2022 में करीब 70 लाख रुपए आए हैं। ऑटो ड्राइवर अमृत गिल के खाते में भी रकम आई। एटीएस का दावा है कि अमृत गिल ने भारतीय सेना के टैंक आदि की सूचनाएं पाकिस्तान भेजी थीं।
एटीएस ने बताया है कि रियाजुद्दीन पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में इजहारुल नामक व्यक्ति के जरिए आया था। दोनों की मुलाकात राजस्थान में वेल्डिंग का काम करते वक्त हुई थी। उसके बाद से ही दोनों आईएसआई के लिए काम कर रहे थे। एटीएस की पूछताछ में पता चला है कि मूल रूप से बठिंडा का रहने वाला अमृत गिल आईएसआई एजेंट के संपर्क में था। वह भारतीय सेना से जुड़ी जानकारियां साझा करता था। इजहारुल पहले से बिहार की बेतिया जेल में बंद है। उसे भी वारंट पर लखनऊ लाकर पूछताछ की जाएगी।