nayaindia Sandeshkhali Violence संदेशखली की घटना पर टकराव बढ़ा

संदेशखली की घटना पर टकराव बढ़ा

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के संदेशखली में हिंदू महिलाओं के अपहरण और उनके यौन शोषण की खबरों पर टकराव बढ़ गया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के पुलिस के साथ झड़प में घायल होने के बाद अब खबर है कि राज्य की पुलिस ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी को भी वहां जाने से रोक दिया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के भेजे प्रतिनिधिमंडल को वहां जाने से रोका गया और फिर कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को भी रोक दिया गया।

इस बीच राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग यानी एनसीएससी ने बंगाल में हिंसा और राजनीतिक तनाव के बीच शुक्रवार को राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की है।एनसीएससी के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को संदेशखली का दौरा किया था और उसके बाद शुक्रवार की सुबह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंपी। आयोग के अध्यक्ष अरुण हलदर ने कहा- राज्य में अपराधियों ने वहां की सरकार से हाथ मिला लिया है और ये अनुसूचित जाति समुदायों के सदस्यों के जीवन को प्रभावित कर रहा है।

एससी आयोग के अध्यक्ष हलदर ने यह दावा भी किया कि जब वे उन महिलाओं से मिलने की कोशिश कर रहे थे, जिन पर शेख शाहजहां द्वारा कथित तौर पर हमला किया गया था, उस दौरान एनसीएससी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार से कोई मदद नहीं मिली। गौरतलब है कि संदेशखली गांव बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट उपखंड में कालिंदी नदी के एक द्वीप पर है।

भाजपा के प्रतिनिधिमंडल के बाद कांग्रेस की ओर से भी प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने वहां जाने की कोशिश की। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कट्टर आलोचक चौधरी ने उन पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।उन्होंने कोलकाता में पत्रकारों से कहा- विपक्षी दलों को संदेशखली में प्रवेश करने से क्यों रोका जा रहा है? राज्य क्या छिपाने की कोशिश कर रहा है? उन्होंने ममता बनर्जी को निशाना बनाते हुए कहा-वे इसका राजनीतिकरण करने की कोशिश क्यों कर रही हैं?

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