nayaindia sikh ips officer khalistani सिख अधिकारी को खालिस्तानी कहने पर विवाद

सिख अधिकारी को खालिस्तानी कहने पर विवाद

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में संदेशखाली मामले को लेकर राजनीतिक विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। भाजपा और राज्य में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस के इस विवाद में एक नया मोड़ आ गया है। मंगलवार को एक वीडियो सामने आया है, जिसमें भाजपा समर्थक और नेता विरोध प्रदर्शन के दौरान एक सिख आईपीएस अधिकारी को खालिस्तानी कह रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया है। हालांकि नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने आईपीएस अधिकारी को खालिस्तानी कहे जाने की खबर का खंडन किया है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसका वीडियो शेयर कर भाजपा पर निशाना साधा है। ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- बीजेपी सोचती है कि पगड़ी पहनने वाला हर व्यक्ति खालिस्तानी है। बीजेपी की विभाजनकारी राजनीति ने संवैधानिक सीमाओं को बेशर्मी से लांघ दिया। मैं राष्ट्र के प्रति बलिदान और अटूट दृढ़ संकल्प वाले सिख भाई-बहनों की प्रतिष्ठा को कमजोर करने के दुस्साहसिक प्रयास की निंदा करती हूं। ममता ने कहा- हम राज्य में सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। राज्य में कानून-व्यवस्था बिगाड़ने वालों के खिलाफ नियमों के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।

वीडियो में दिख रहा है कि सिख अधिकारी भारतीय पुलिस सेवा के हैं और उनका नाम जसप्रीत सिंह है। वे प्रदर्शन कर रहे बीजेपी नेताओं से बातचीत कर रहे थे तभी उनको खालिस्तानी कहा जाता है। उन्होंने नाराज होकर तत्काल इसका प्रतिवाद किया। उन्होंने कहा कि उनके धर्म को इस मामले से अलग रखा जाए। इस बीच हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच के आदेश के बाद भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी मंगलवार को संदेशखाली पहुंचे। डिवीजन बेंच ने उन्हें जाने की इजाजत देते हुए शर्त रखी कि शुभेंदु के साथ सिर्फ उनकी सुरक्षा से जुड़े लोग ही हिंसा प्रभावित इलाके में जाएंगे।

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